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________________ पाँतीस स्थान दर्शन कोष्टक नं०६० धायिक सम्यक्त्व में ११पाय ननन्तानवी कप ४ घटाकर। ) - - -- हो. नं.: देखो १६। पप गनिमें यह भद बंद ( गति में म. भंग .....१२ भंग कार नः १८ दजो को न०१८ २-१.१ भंग को न ली : को नं १६ कर० नं को रंगो को.न. ११ दना ४: देवन में सार भग १ बंद ११ केभाको नः कार: खो का न. १९ देखा मःो भंग भंग नाभग १भंग (1) नरज गनि में को । १६ देवा को न श्रीवंद पामर (0) १६ का मंग-मो० नं. (2) नरक गाँन में को न १६ दग्गों का १६ १६ दखो १६ का भंग-की (२) नियंत्र गति में मारे भंग ? अंग १६ दवा २. के भंग-को० नं. को० नं०१७ देखो | का० न०१७ ( तिच गति में मारे भंग भंग देखो भगभूम में- का भग को न १६ दाखो ना नं. १३ (३) मनुष्य गति में मारे भंग । | भंग का नदी ! 31-१३-१२-११-१२-5-६. को न०१ दलो को न. 1 मनाप्य गति में गाभग १ भंग दमों १६. १.०-के भग 40१८ दमों को नं. १८ भग-का० न०१८ देना को नं १८ श्रा (४) देवाति में सारे भग . भंग 14) देवगनि में मारे भग म न २०.१६-१२ केभंग को नं०११ देखो वो नं०१६ १३-१४-१५ के भंग को दो को नं०१३ को.नं१६ देखो कोल न.१६ खी मारे भगान मारे भाट (१) नरक गनि में को नं. १६ देखो को० नंक १६ पनः पर्यव जान घटाकर ३ का भंग-कोः २०१६ दसा नरक गनिमकीन ना ना न.१५ (२) वियच गति में १ भंग ज्ञान ३ का अंग-को० न०! ३ का भंग-कोन.१७ को.नं.१७ देखो को नं० १०.१६ दंलो। देखो दवा (२) नियंच गति में १ भंग ज्ञान 11) मनुष्य गति में सारे भंग १ज्ञानांगभूमि में कानदेवो को० नं०१७ 1-6-1.४-१ के भंग को० म०१८ देखो' को नं०1८ ३ का भंग देखो देखो १२ जान ज्ञान ३ टाका देखो . .
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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