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( ५९२ ) कोष्टक नं. ८२
चौतीस स्थान दशन
अभव्य में
मो०नं.१६ देखो
(१) नरक गति में
सारे मंग
| १जान (२) नियंच गति में । १ भंग १मान २ का भंग
को.नं.१६ देखो कोनं०१६देखो २-३- के भंग
कोनं०१७ देखो को नं०१७ देखो को नं० १६ देखो । को० नं०१७ देखो
| (२) तिर्यच गति में
१ भंग
ज्ञान (३) मनुष्य गति में मारे भंग | जान ! २-२ के भंग
| कोनं०१७ देखो को मं० १७ देखो -३ के भंग
को २०१८ देखो को.नं. १५ देखो| कोनं० १७ देखो को० नं०१% देखो
(3) मनुष्य मति में सारे मंग१ज्ञान (४)देवगवि में | मारे भंग | १ज्ञान २-२ के भंग
को००१८ देखो कोनं०१५ देखो ३ का मंग
को न. १६ देखो कोनं०१९ देखो को. नं.१- देखो को नं० १६ देखो
(४) देवमनि में
सारे भंग १ज्ञान २-२ केभंग
को.नं.१६ देखो को नं० १६ देखो
को.नं.१६ देखो १३ संयम
प्रमंयम चाग गलियों में हरेक में | को० नं०१६ से कोनं०१६ में | चारों गनियों में हरेक में कोनं०१६ से १९ को० नं. १६ से १ असंयम जानना १६ देखो १६ देखो | १अमबम जानना
टेखो १६ देखो को० नं. १६ मे १६ देखो
कोनं०१६ से १६ देखी। मी १ दर्शन
१ भंगदर्शन प्रचच दर्शन, चक्षु दर्शन ११) नरक गति में
| कोनं०१ देखो कोन०१६ देखो (१) नरक मनि में को न०१६ देखो कोनं-१६ देखो ये २ जानना २ का भंग
२ का भग फो.नं.१६ देखो
को० नं०१६ देखो (नियंच गति में
मारे भंग १र्शन (२) निर्वन गति में | १भंग १ दर्शन । को००१७ देखो कोनं १ देखो १-२.२ के मंग
को नं०१७देखो कोनं०१७ देखो कोनं०१७ देखो
| को० नं१०देखो (3) मनुष्य गति में
: सारे मंग १ दर्शन (8) मनुय्य गति में - यारे भंग १ दर्शन २-२ के भंग को० न०१८ देखो को२०१८ देखो २.२ के भग
को न०१८ देवो कोन १८ देखो को० नं०१८ देखो
को.नं. १ देखो १४) देवगनि में
सारे भंग दर्शन (४) देवगति में
१ भंग १दर्शन २का मंग
को.नं. १६ देखो कोनं १६ देखो २.२ के भंग । को० ०१६ देखो कोनं. १६ देखो को० नं० १९ देखो
को०नं. १६ देखो
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