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________________ बतास स्थान दर्शन २१ व्यान I १६ को० नं० १० देखी २ २२ ग्रामव ५.७ को० नं० ७१ देखी 1 1 | i ३ ( - ) मनुष्य गति में ५-६-६-७-६-७ २-५-६-६ के भग कोनं १ देख (४) देवत -६-5 के भंग को० नं० १६ देखो (१) नरक-देवगति में हरेक में २६९० के भग जानना को०० १६-६६ देखो (२) नियंत्र गति में ६-६-१०-११-=-ε-१० के भंग क० न० १७ देख | (३) मनुष्य गति में T =-६-१०-११-०-४-१-१-११३-१० के मंग का० न० १८ देखी ५.३ श्री मिथकाययोग १, वै० मिश्रकाययोग १, आ० मित्रकाययोग १, i ५८३ 1 i कोष्टक नं० ८१ ८ सारे भंग १ भग १ उपयोग • उपयोग (२) निर्यच गति में को० मं० १० देखो को० नं० १८६८४३-४-४४-६ के मंग फो० नं० १० देखी को० नं० १९७ देवो ! को० नं० १७ दे (३) मनुष्य यति में ६ मंग ४.६-६-२-४-६ के मंग को० न० २६ इको० नं० १६ देखी को० नं० १८ देखी १ 1 (1) नारे मंग को० नं० १६-२६ देखा १ ध्यान को ०० १६०१६ देखो भाग भंग १ प्यान गारे भंग को० नं० १८ देखो नं० १८ देखी ४-४-६-६ के भंग को० न० १६ देखो १२ प्रथकत्व विके विचार, एकत्व वितर्क विचार, गुम्म क्रिया प्रति पाति, परिशिष 1 १ भन १ ध्यान चं ४ घटकर (१२) को० नं० १७ देखो कॉ०नं० १७ देखी (१) नरक गति में देवगति म हरेक में के भंग | को० नं० १६-१६ दे (२) नियंत्र गति में ८-२-६ के मंग को० नं० १७ देखी (३) मनुष्य गति में २०१८ के भंग को० नं० १८ देखो ४६ मनोयोग ४ वचनयोग ४, ० काययोग १, ० काययोग १. १ मंग भव्य में मारे मंग १ उपयोग कोनो कोन० १८ देखी १ भग १ उपयोग को० नं० १६ देवो कोनं १६ देखो मा भंग १ ध्यान गार मंग कोनं ६-१६ देवी १ भंग को० नं० १७ देखो १ ध्यान को ०नं० १६-१६ देखो १ ध्यान को० नं० १७ देखी १ ध्यान नारे भग को० नं० १० देसी को० नं० १८ देखी सारे भंग १ भंग
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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