SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 471
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १ ६ गति चौतीस स्थान दर्शन को० नं० १ देखो काय २‍ १ ७ इन्द्रिय जाति पंचेन्द्रिय जाति १ योग त्रसकाय १५ को० नं० २६ देखो 무 (३) मनुष्य गति में ४-३-२-१-१-०-४ के भंग को० नं० १८ देखो ४ चारों गति आनना को० नं० १६ से १९ देखो १ चारों गतियों में हरेक में १ पंचेन्द्रिय जाति जानना को० नं० १६ से १६ देखो ( ४१६ ) कोष्टक नं० ६० ११ श्री मिश्रकामयोग १, ६० मिकासगोग १. प्रा० मिश्रकाययोग १, कार्मारण काययोग १ ये ४ घटाकर (११) ४ सारे भंग को० नं० १८ देखो १ गति ५ १ मंग को० नं० १८ देखो १ गति १ १ को० नं० १६ से १६ को० नं० १६ से देखो १६ देखी चारों गतियों में हरेक में को० नं० १६ से १६ को० नं० १६ से देखो १ जसकाय जानना १६ देखो को० नं० १६ से १९ देखो १ भंग १ योग (३) मनुष्य गति में ४ ० ४ के भंग को० नं० १६ देखो ४ चारों गति जानना को० नं० १६ से १६ देखो १ ० मति श्रुत ज्ञान में ८ श्री काययोग है। ० काययोग १, ०मिकाय कार्मारण काययोग १ ये 6 योग जानना ६ ?, सारे संग नं. १८ देखो १ गति (१) नरक मनुष्य- देवगति को० नं०१६-१८ में हरेक मे १६ देखो १ (१) नरक- मनुष्य-देवगति को० नं० १६-१८ [को०नं० १६-१०० में हरेक में १६ देखी १६ देखो १ पंचेन्द्रिय जाति जानना (२) तिर्बच गति में केवल को० नं० १७ दलों को नं० १७ देखी भोगको अपेक्षा | १ पंचेन्द्रिय जाति जानना को० नं० १६ से १२ देखी ₹ C १ रंग को० नं० १५ देखो १ गति १ सकाय जानना (२) निर्मत्र गति से केवल को० नं १७ देखी को० नं० १७ देखो भोग भूमि की अपेक्षा १ सकाय जानना को० नं० १६ से १६ देखो १ भग [को० नं० १६-१८१६ देखो १ योग
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy