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( १५० ) स्पर्शन-मार के क्षेत्र के समान वानमा । फार--नाना जीवों की अपेक्षा सर्वकाल जानना। एक जीव की अपेक्षा उपशम श्रेणी की अपेक्षा एक समय में अन्तर्मुहूर्त तक और
क्षपक श्रेणी की अपेक्षा अन्तर्मुहूर्त से देशोन पूर्व कोटि वर्ष तक १३वें मुण. में केवली की अवस्था में रह
सकता है। अन्तर-नाना जीवों को अपेक्षा कोई अन्तर नहीं। एक जीव की अपेक्षा उपशम थेणी वाला अन्तर्मुहूत देशोन मर्षपुद्गल परावर्तन काल तक
उपशम येणी प्राप्त न कर सके । जाति (योनि)-१४ लाख योनि मनुष्य गति के जानना । कुल-१४ लाख कोटिकुल मनुष्य के जानना।
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