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________________ इंद्रिय रहित ( सिद्ध भगवान ) पृथ्वी कायक जल अग्नि चाय वनस्पति अनुभय औदार 11 त्रस 17 अकायक ( सिद्ध जीव ) उभय मनोयोग " सत्य असत्य 27 सत्य बचन योग असत्य उभय बचन योग " Rafae मिश्र विक्रियक वेक्रिक मिश्र आहारक आहारक मिश्र कार्माण अयोग 12 पुरुष वेद स्त्री नपुंसक अपगत 17 13 असंयम संगमा संयम 17 13 "P काययोग " काययोग 17 "P " 33 अतानुबंधी अप्रत्याख्यानी प्रत्याख्यानी $7 संज्वलन क्रोध मान माया कषाय संज्वलन लोभ हास्यादिक नी कषाय अकषाय 27 कषाय 18 कुमति कुश्रुति ज्ञान कुअवधिज्ञान ( विभंग ज्ञान ) मति श्रुति ज्ञान " अवधि मनः पर्ययं " केवल ज्ञान २०५) २११) २२१) २२४ ) २२८) २३१) २३४ ) २४६ ) २४८) २५६ ) २६२ } २६६ ) २७० ) २७५. २८२ ) २८९) २९४) २९९) २९९ ) ३०३) ३१२) ३१४ ) ३२७) ३३४ ) ३४५) ३५२} ३६२) ३७४) ३८५) ३९८) ४०७ ) ४१४ ) ४१८) ४२८) ४३४ ) ४४६) ४५२) ४५६) ४५९) ४६९) ( ३१ ) सामायिक छेदो पस्थापना संयम परिहारविशुद्धि सुक्ष्म सापराय यथारव्यात संयम चक्षु प्रच अवधि केवल पद्म शक्ल अलेश्या " संयम संयम रहित ( सिद्ध गति) ४९८ ) दर्शन 12 कृष्ण-नील लेश्या कापोत पोत मिथ्यात्व सासादन मिश्र " " आहारक अनाहारक 32 " ار " भव्य अभव्य मध्य अभव्य रहित (सिद्धगति ) प्रथमोपशम सम्यकत्व द्वितियोपशम क्षायोपशम क्षायिक संज्ञो असंज्ञी नासंज्ञी नामसंज्ञी ३४ स्थान दोहे २४ दण्डक " 13 , 23 " ४७४) ४७९) ४८३ ) ४८६ ) मुलोत्तरक प्रकृतियाँ अवस्था संख्या मुलोत्तरकर्म प्रकृतियां विशेष विवरण मुलोत्तरमं प्रकृतियां स्थित बंध उदय युच्छति से पहले बंध व्युच्छति उदय व्युच्छति के बाद बंध व्युच्छति उदय बंध विच्छति एक साथ ४९२) ५०८) ५१४) ५२५) ५२८ ) ५३९ ) ५५० ) ५६०) ५६३) ५७३ ) ५७५) ५८८) ५९७) ५९९) ६०२) ६११) ६१६) ६२४) ६३० ) ६४१ ) ६७२ ) ६८४) १०८ आचार्य शांतिसागरजी महाराज ६९४ ) का समाधि समय ६५३) ६६३). ६६८) ६९७ ७०२ ) ७०६) ७०९) ७१४) ७१६) ७१७ ) ७१७ )
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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