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श्री भक्तामर महामण्डल पूजा
३७-ऋसि मन्त्र द्वारा २१ बार पानी मंत्र कर मुह पर छौंटने से और यंत्र पास रखने से दुर्जन वश में हो जाता है उसकी जीभ का स्तम्भन होता है। ३८-ऋद्धि मंत्र जपने से मीर मंत्र पास रखने से धन का लाभ
और हाथी दश में होता है । : ६.-ऋद्धि मंत्र जपने और यंत्र पास रखने से सर्प और सिंह का दर नहीं रहता तथा भूला हुमा रास्ता मिल जाता है ।
४०-ऋद्धि मंत्र द्वारा २१ बार पानी मंत्रकर पर के चारों प्रोर छौंटने से मौर यंत्र पास रखने से अग्नि का भय मिटता है ।
४१-ऋद्धि मन्त्र के जपने से और यंत्र के पास रखने से राजदरबार में सम्मान होता है और माड़ा देने से सर्प का विष उतरता है। कोसे के कटोरे में जल १०८ बार मंत्रकर पानी पिलाने से विष उतर जाता है।
४२-ऋद्धि मंत्र की माराधना से और यंत्र के पास रखने से युद्ध का भय नहीं रहता।
४३--ऋद्धि मंत्र को प्राराधना और यंत्र पूजन से सब प्रकार का भय मिटता है । युद्ध में हथियार की चोट नहीं लगती तथा राजद्वारा धन लाभ होता है ।
धिना मौर यंत्र के पास रखने से मापत्ति मिटती है समुद्र में तूफान का भय नहीं होता। समुद्र पार कर लिया जाता है।
४५---ऋद्धि मंत्र जपने पौर मंत्र पास रखने तथा उसकी प्रतिदिन त्रिकाल पूजा करने से सर्व रोग नष्ट होते है और उपसर्ग दूर होता है।
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