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श्री भक्तामर महामण्डल पूजा
१०-पीली माला से प्रतिदिन १०८ वार ऋद्धि मंत्र का ७ या १० पिन जाप करने से तथा यन्त्र पास में रखने से कुत्ते के काटने का विष उतर जाता है। नमक को ७ डलियों को, प्रत्येक को १०८ बार मंत्र द्वारा मंत्रित करके खिलापा जाय तो कुत्ते का विष असर नहीं करता । धूप कुन्दरू की होना चाहिये ।
११-लाल माला से २१ दिन तक (प्रतिदिन १०८ वार) बैठकर मा खड़े रहकर सफेद माला से १०८ बार अपने पर (दीप, धूप नैवेद्य फस लिये हुये) एकाने पास इसमें से जिप पास बुलाना हो वह पा जाता है । धूप कुन्दरू की हो।
१२–लाल माला से मन्त्र और ऋद्धि का जाप ४२ दिन त । प्रतिदिन १०८० करना चाहिये । पशाग धूप खेनी चाहिये । यन्त्र अपने पास रम्झने तथा मंत्र द्वारा १०८ वार तेल मंत्रित करके हाथी को पिलाने पर हाथी का मद उतर जाता है ।
१३ -पीली माला के द्वारा ऽ दिन प्रतिदिन १००० दि मंत्र का जाप करना चाहिये, एक बार भोजन तथा पृथ्वी पर शयन करना चाहिये । यन्त्र पास रखने से तथा ७ कंकड़ी लेकर प्रत्येक को १०८ वार मंत्र से मंत्रित कर चारों दिशाओं में फेंकने से चोरों का भय नहीं रहता, मार्ग में और भी कोई भय नहीं माने पाता।
१४–सात ककड़ी लेकर प्रत्येक को २१ वार ऋद्धि मंत्र द्वारा मंत्रित करके चारों भोर फेंकने से तथा पत्र अपने पास रखने से व्याधि, शत्रु आदि का भय नष्ट हो जाता है, लक्ष्मी प्राप्त होती है तथा वात रोग नष्ट होता है।
१५-- ऋद्धि मंत्र द्वारा २१ वार तेख मंत्रित करके उस तेल को मुख पर लगाने से राजदरवार में प्रभाव बढ़ता है, सौभाग्य और लक्ष्मी