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विषयानुक्रम
"मेघों के गर्भधारण के चिह्नों का कथन मेघगर्भ के भेद और उनके द्वारा सूचना
मेघ के मास- गर्भ का फल
सौम्यगर्भ के मास और उनका फल
नक्षत्रों के अनुसार गर्भं का फल विविध वर्ण एवं आकार के मेघगर्भ
विवेचन
तेरहवाँ अध्याय
राजयात्रा के वर्णन की प्रतिज्ञा
· सफल एवं असफल यात्रिक के लक्षण
- यात्रा करने की विधि
यात्रा में विचारणीय निमित्त
चतुरंग सेना में यात्राकालीन निमित्त शनिश्चर की यात्रा का फल
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प्रयाण काल में निमित्तों द्वारा शुभ-अशुभ योग का परिज्ञान प्रयाणकालीन शुभ एवं अशुभ निमित्त
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निन्दित यात्रा - सूचक निमित्त
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सूर्य नक्षत्रों एवं चन्द्र-नक्षत्रों के अनुसार यात्रा फला प्रयाण काल में बायु परिमाण का विचार
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प्रयाण-काल में अनेक वस्तुओं के दर्शन के आधार पर शुभ-अशुभ विचार 193 द्विपदादि की विकृत ध्वनि का फल
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सेनापति के बचसूचक यात्रा - शकुन नैमित्तिक, राजा, बंध और पुरोहित रूप विष्कम्भ और उसके विश्व नैमित्तिक, राजा, वैद्य और पुरोहित के लक्षण
योग्यनैमित्तिक आदि के होने से राजकार्य में सिद्धि
प्रयाण के समय सेना में कलह या मतभेद से अशुभ फल
प्रयाण के समय मनुष्य, पशु-पक्षियों की आवाज़ पर विचार
युद्ध के उपकरण तथा सन्ध्याकालीन बादलों के विवर्ण होने का फल
मांसप्रिय पक्षियों के अवलोकन का फलादेश
विजातियों के मैथुन में विपरीत क्रिया का फलादेश
गमनकाल में घोड़ों के रंग, आकृति, स्वर एवं अन्य क्रियाओं में विकृति का विचार
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गमनकाल में हाथी-घोड़ों के विभिन्न प्रकार के दर्शनों का फलादेश विशेष स्थान के अनुसार फलादेश
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