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भद्रबाहुसंहिता
शुक्रवार होने से प्रजा की वृद्धि, धान्य मन्दा, लोग सुखी तथा अन्य भोग्य पदार्थ सस्ते होते हैं, पाँच शनिवार होन से उपद्रव, अग्निभय, नशीले पदार्थों में मन्दी, धान्यभाव अस्थिर और तेल महंगा होता है। लोहे का भाब पांच शनिवार होने से महंगा तथा अस्त्र-शस्त्र, मशीन के वन-पों का भाव पांच मंगल और पांच गुरु होने गे महंगा होता है।
संवानिः के वारों का फल रविवार को संक्रान्ति का प्रवेश हो तो राजविग्रह, अनाज मंहगा तेल, घी, लि आदि पदार्थों का संग्रह करने से लाभ होता है। सोमवार सो मंकान्ति का प्रवेश हो तो अनाज महंगा, प्रजा को मुख; घृत, तेल, गुड़, चीनी आदि नंबह में तीसरे महीने लाभ होता है। मंगलवार को रांगान्ति प्रवा करे तो धी, नल, धान्य आदि पदार्थ तेज होते हैं। लाल वस्तुओं में अधिक तेजी आदि मानी है तथा सभी वस्तुओं के संग्रह में दूसरे महीने में लाभ होता है। बुधवार को गंक्रान्ति का प्रवेश होने पर श्वेत बस्त्र, श्वेत रंग के अन्य पदार्थ महंग तथा नील, बाल और ग्याष रंग के पदार्थ दुसरे महीने में लाभप्रद होते हैं। गुरुवार को संक्रान्ति का प्रवेश हो तो प्रजा सुखो, धान्य सस्ते; गुड़, खांड़ आदि मधुर पदार्थों में दो महीने के उपरान्त - होमी : मदरसे संकान्ति प्रविष्ट हा तो सभी वस्तुएं सास्ती, लोग सुखी-सम्पन्न, अन्न यी अत्यधिक उत्पत्ति, पीली वस्तुएं, श्वेत वस्त्र नेज होते हैं और तल गुड़ का संग्रह में चौथ भास में लाभ होता है । शनिवार को साभान्ति के प्रविष्ट होने से धान्य तंज, प्रजा दुखी राजविरोध, पशुओं को पीला, अन्न गाण तथा अन्न या भाव भी नज होता है।
जिस वार के दिन संक्रान्ति का प्रवेश हो, उसी वार को उस मास में अमावास्या हो, तो खप्पर योग होता है। यह जीवों का और धान्य का नाश करने वाला होता है । इस योग में अनाजों में घटा-बढ़ी चलती रहती है । ___पहली मंशान्ति गनिवार को प्रविष्ट हुई हो, इसरा आगे वाली दूसरी संक्रान्ति रविवार को प्रविष्ट हुई हो और तीसरी आंग वाली मंगलवार को प्रविष्ट हो तो खपर योग होता है। यह योग अत्यन्त कष्ट देने वाला है। ___ मकर संक्रान्ति का फल---पोप महीने में मकर संक्रान्ति रविवार को प्रविष्ट हो तो धान्य कामुल्य दुगुना होता है । शनिवार को हो तो तिगुना, मंगल के दिन प्रविष्ट हो तो चौगुना धान्य का मूल्य होता है। बुध और शुक्रवार को प्रविष्ट होगे से समान भाव और गुरु तथा सोमवार को हो तो आधा भाव होता है।
___ शनि, रधि और मंगल के दिन मकर संक्रान्ति का प्रवेश हो तो अनाज का भाव तज होता है। यदि माघ और नाक संक्रान्ति का रवि, मंगल और शनिवार को प्रवेश हो तो अनाज महंगा, पति-भीति आदि का आतंक रहता है। कार्तिक तथा मार्गशीर्ष पी राक्रान्ति के दिन जलवृष्टि हो तो पोप में अनाज सस्ता होता