SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 445
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 358 भगवाहुसंहिता रूक्ष, पाप निमित्तक, विकृत और पीड़ित चन्द्रमा निकल कर जिस नक्षत्र का घात करता है, उस नक्षत्र वालों का अशुभ होता है !1591 प्रसन्न: साधुकान्तश्च दृश्यते सुप्रभः शशी।। यदा तदा नृपान् हन्ति प्रजा पोत: सुवर्चसा 11601 जब ग्रहण से छूटा हुआ चद्रमा प्रसन्न, सुन्दर कान्ति और सुप्रभा वाला दिखलाई पड़े तो राजाओं का घात करता है । पीत और तेजस्वी दिखलाई पड़े तो प्रजा का घात करता है !601 राज्ञो राहु: प्रवासे यानि लिगान्यस्य पर्वणि। यदा गच्छेत् प्रशस्तो वा राजराष्ट्रविनाशनः ॥6॥ पर्व काल में-पूर्णिमा के अस्त होने पर राहु के जो चिह्न प्रकट हों, उनमें वह प्रगस्त दिखलाई पड़े तो राजा और राष्ट्र का विनाश होता है ।। 61।। ' यतो राहुप्रमथने ततो यात्रा न सिध्यति । प्रशस्ता: शकुना यत्र सुनिमित्ता सुयोषितः ॥62॥ शुभ शकुन और श्रेष्ठ निभित्तों के होने पर भी राहु के प्रमथन-अस्थिर अवस्था में रहने पर यात्रा सफल नहीं होती है ।।62।। राहुश्च चन्द्रश्च तथैव सूर्यो यदा सवर्णा न परस्परघ्नाः । काले च राहुभेजते रवीन्टू तदा सुभिक्षं विजयश्च राज्ञः ।।6।। राहु, सूम और चन्द्र जब सवर्ण हों और परस्पर मात न करें तथा समय पर सूर्य और चन्द्रमा का गहुँ योग यारे नो राजाओं की विजय होती है और राष्ट्र में सुभिक्ष होता है 116 3!! इति नन्थे भद्रबाहु के निमित्त संहिते राहुचारो नाम विशतितमोऽध्यायः ।।20।। विवेचा--- द्वादश राशियों के भ्रमणानुसार राहुफल –जिरा वर्प राहु मीन राशि में रहता है. उस वर्ष बिजली का भय रहता है । सैकड़ों व्यक्तियों की मृत्यु बिजली के गिरने में होती हैं । अन्न की कमी रहने से प्रजा को कष्ट होता है। अन्न में दूना-तिगुना लाभ होता है । एक वर्ष तक दुभिक्ष रहता है, तेरहवें महीने में गुभिक्ष होता है। देश में गृहकलह तथा प्रत्येक परिवार में अशान्ति बनी रहती है । यह मीन राशि का राहु बंगाल, उड़ीसा, उत्तरी बिहार, आसाम को छोड़ ।. - ITE :
SR No.090073
Book TitleBhadrabahu Sanhita Part 1
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages607
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy