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भद्रबाहुसंहिता फल घटित होता है।
(दक्षिण दिशा में बिजली की चकाचौंध उत्पन्न हो और श्वेत रंग की चमक दिखलाई पड़े तो सात दिनों तक लगातार जल की वर्षा होती है। यदि दक्षिण दिशा में केवल विजली की चमक ही दिखलाई पड़े तो धूप होने की सूचना अवगत करनी चाहिए । जब लाल और काले वणं के मेघ आकाश में आच्छादित हों और बार-बार तेजी से बिजली चमकती हो तो, साधारणतया दिन भर धूप रहने के पश्चात् रात में वर्षा होती है। दक्षिण दिशा से पूर्वोत्तर गमन करती हुई बिजली चम और उत्तर दिशा में इसका तेजप्रकाश भर जाए तो तीन दिनों तक लगातार जल-ब होती है । यहाँ इतना विशेष और है कि वर्षा के साथ
ओले भी पड़ते हैं । यदि इस प्रकार की बिजली शरद ऋतु में चमकती है तो निश्चत: आल ही पड़ते हैं, जल शाहां नहीं होती : ग्री: , उस प्रकार की बिजली चगकती है तो वायु के साथ तेज धूा पड़ती है. बृष्टि नहीं होती। गौनामा पप दक्षिण दिशा में बिजली चम तो आगामी ग्यारह दिना तय जान its४ वर्षा होती है । इस प्रकार की बिजली अतिवृष्टि की सूचना देती है । आप्पा यदी प्रतिपदा का दक्षिण दिशा में शब्द रहित बिजली चमन तो आगामी 4 म फराल निकृष्ट, उत्तर दिशा में शब्द रहित बिजली चमय तो फरालगाधारण; अश्चिम दिशा में शब्द रहित बिजली चमके तो फसल के लिए मध्यम और पूर्व दिशा में शब्द रहित विजली चमके तो बहुत अच्छी फसल उपजती है । यदि इन्हीं दिशाओं में शब्द माहित बिजली चग तो क्रमश: आधी, तिहाई, साधारणत: पूर्ण और सवाई परान इसान्न होती है। यदि आपाद बदी द्वितीया चतुर्थी स विदो और उसमें दक्षिण दिशा म निकलती हई विजली उत्तर की ओर जाये तथा सा नमक बहुत तेज हो तो चोर दुभिक्ष की सूचना मिलती है. । बर्गा भी इस प्रकार की बिजली ग अवरुद्ध ही होती है। चटपटाहट करती हुई बिजली चग तो बर्षा भाव एवं घोरोपद्रव की सूचना देती है ।।
ऋतुओं के अनुसार विद्य त निमित्त का फल-शिविर-... माघ और फाल्गुन माम में नीले और पीले रंग की बिजली चमके तथा आकाश श्वेत रंग वा दिखलाई पड़े तो ओलों के साथ जलयर्षा एवं कृषि के लिए हानि होती है। माघ कृष्ण प्रतिपदा को बिजली चम तो गुड़. चीनी, मिश्री आदि वस्तुएं महंगी होती हैं सथा कपा, सूत, कावास, ई आदि वस्तुएं सस्ती और शेष वस्तुएँ सम रहती हैं।ग दिन बिजली कनावीमारियों की राचना भी देता है । माघ कृष्णा द्वितीया, पाठी और बादमी को पूर्व दिशा में बिजली दिखलाई पड़े तो आगामी वर्ग में अधिक पक्तियोंजकालमरण होने की रचना समदानी चाहिए। यदि चन्द्रमा के विम्ब के चारो ओर परिवष होन पर उस परियप के निकट ही बिजली