________________
भद्रबाहुसंहिता
इसी दिन सूर्य-परिव दिखलाई पड़े और यह एक घण्टे तक स्थित रहे तो सभी प्रकार की वस्तुओं के मल्यगी स्थिरता का सूचक समझना चाहिएं। बुधवार को सूर्य-परिवेप सूर्योदय काल में ही दिखलाई पड़े तो श्वेत, लाल और काले रंग की वस्तुओं के भाव बढ़ते हैं। यदि परिवेष काल मे आकाश का रंग गाय की आँख के समान हो जाय तो इस परिवेप का फल लाल रंग की वस्तुओं के व्यापार में लाभ एवं अन्य रंग की वस्तुओं के व्यापार में हानि की सूचना समझनी चाहिए । इस प्रकार की ध्यापारिक स्थिति एक महीने तक ही रहती है। मुरुवार को चन्द्रपरिवेष चन्द्रोदय काल या चन्द्रास्त काल में दिखलाई पड़े तो इसका फल महर्षता होता है। रसादि पदार्थों में विशेष रूप से महंगाई होती है । औषधियों के मल्यों में भी वृद्धि होती है । घृत, तैल आदि स्निग्ध पदार्थों का मूल्य अनुपाततः ही बढ़ता
गुरुवार को सूर्य-परिवेष मंडलाकार में दिखलाई पड़े तो लाल, पीले और हरे रंग की वस्तुएं सस्ती होती हैं, अनाज का मूल्य भी घटता है। वात्र, चीनी, गड़
आदि उपभोग की वस्तुओं में भी सामान्यतः यामी आती है । सदबाजों के लिए यह परिवेग अनिष्ट मूचक है; यतः उन्हें हानि ही होती है, लाभ होने की संभावना बिल्कुल नी । यदि उक्त प्रकार का मर्य-परिवार दो घण्टे से अधिक समय तक ठहर जाय तो पशुओं के व्यापारियों को विशेष लाभ होता है । स्वेत रंग के सभी पदार्थ महँगे होते हैं और उपभोग की वस्तुओं का मूल्य यता है। बागार में यह स्थिति चार महीनों तक रह सकती है।
शुक्रवार को चन्द्र-गरिवेष लाल या पीले रंग का दिखलाई पड़े तो दूसरे दिन गही सोना, पीतल आदि पीतवर्ण की धातुओं की कीमत बढ़ जाती है। चाँदी के भाव में थोड़ी गिरावट के पश्चात् बढ़ती होती है। मनाला, फल और तरकारियों के मूल्य में वृद्धि होती है। हरे रंग की सभी वस्तुएँ मरती होती हैं । पर तीन महीना के पश्चात हरे रंग की वस्तुओं के भाव में भी महँगी आ जाती है। रुई, कपास और युत के व्यापार में सामान्य लाभ होता है। यानि रंग की वस्तुओं में अधिक लाभ की संभावना है। यदि शुक्रवार को सूर्य परिवेष दिखलाई पड़े तो आरम्भ में वस्तुओं का भाव तटस्थ रहन हैं, परन्तु आपधियों, विदेश से आनेवाली वस्तृ और पशुओं की कीमत में वृद्धि हो जाती है। श्वेत रंग की वस्तुओं का मुल्य सम रहता है, नाल और नीले रंग के पदार्थों का मूल्य बढ़ जाता है।
गनिवार को चन्द्र-गरिबेग दिखलाई पड़े तो काले रंग के सभी पदार्थ तीन महीनों तथा सस्त रहत हैं । लाल और "वेत रंग के पदार्थ तीन महीनों तक महँग रहते हैं । गवाहरात विशेष रूप से महंगे होते हैं। सोना, चांदी आदि खनिज पदार्थों के मूल्य में असाधारण रूप से वृद्धि होती है। यदि इसी दिन सूर्य-परिवेष