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fo) मासिक धर्म की परेशानी-Menstrual Discomfort-- अध्याय १७ क्रम (२).(३) (क) (CSZ) (2 तथा पेडू यानी pubic area – जननांग से ऊपर का भाग
जहां बाल रहते हैं) x पांच बार, F (ख) उक्त चरण (क) x सात बार-- अधिकांश केसों में रोगी को काफी
आराम मिलेगा। (ग) E 2 – कुछ मिनटों तक । (घ) T (1, p, 4, 6, 8, 9) (ङ) उपचार को मासिक धर्म होने से तीन दिन पहले करें, ताकि जो
परेशानी है, वह या तो न हो या कम से कम हो । (E) बढ़ी हुई पौरुष ग्रंथि - Enlarged Prostate अध्याय १७, क्रम (८)
पौरुष ग्रंथि पैरिनियम (perineum) के ऊपरी भाग पर होती है। काम चक्र पैरिनियम के ऊपर होता है। 2, p तथा प्रोस्टेट प्रभावित होते हैं। (क) (CSZ) 2 x पांच बार, F (ख) उक्त चरण (क) x सात बार (ग) T (p. पौरुष ग्रंथि) (घ) T(1, 4, 6) -- (ये आंशिक रूप से प्रभावित हो जाते हैं )। (ङ) उपचार को सप्ताह में दो या तीन बार करें। अधिकतर रोगी शीघ्र
सुधार पायेंगे। पेट का दर्द, उल्टी और पतले दस्त होना- Abdominal Pain, Vomitting and Loose Bowel Movement- अध्याय १५, क्रम (३), (५) (क) GS (दो या तीन बार) (ख) (CSz) (6, पेट का ऊपरी भाग) x पांच बार, F (ग) चरण (ख) x सात बार।
(CSZ) (4, पेट का निचला भाग) x पांच बार, F (ङ) चरण (घ) x सात बार - रोगी को बगैर ऊर्जन के C' 6 तथा C 4
तथा c' ( पेट का ऊपर व नीचे का भाग) द्वारा ही तुरन्त आराम
महसूस होगा। (च) E ( 6, 4) - कुछ मिनटों तक
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