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________________ अंगूठी, नैकलेस, झुमका अथवा ब्रेसलैट (rings, pendents) द्वारा व्यक्ति की चित्तवृत्ति अथवा मिजाज (mood) पर प्रभाव डाला जा सकता है। यदि आपके पास कोई रोगी है जो निराश/हतोत्साह है अथवा कायर है, तो उसे लाल या आदू (peach) रंग का रत्न अपने अंगूठी या पैन्डेंट में पहनने के लिए कहें। यदि किसी व्यक्ति को शान्त करना चाहते हैं, तो उसे गुलाबी या * नीले रंग के रत्न को पहनने के लिए कहें। किन्तु इनको पहनने से पहले पत्थर या रत्न को समुचित पूर्णरूपेण स्वच्छ करके ही पहनना चाहिए। इसकी शक्ति बढ़ाने के लिए इसको ऊर्जित किया जा सकता है और पवित्र संस्कारों से भेद्य (Psychically impregnated) किया जा सकता है। नगों के उपचार के अतिरिक्त बहुत से व्यवहारिक एवम् परासामान्य उपयोग हैं, उदाहरण के तौर पर ज्योतिष में – विभिन्न ग्रहों की शान्ति के लिए उपचार; किन्तु यह इस पुस्तक का विषय नहीं हैं। पारदर्शी रत्न के गुण- Propertles of a clear Crystal इस रत्न से साधारणतया सफेद प्राण प्रेषित होता है, किन्तु इसमें सभी रंगीन ऊर्जाओं के गुण होते हैं। जैसा कि आपने क्रम संख्या ७ की तालिका में देखा, बैंगनी रंग के रत्न में सभी रंगों के गुण होते हैं। पारदर्शी रत्न में यह गुण बैंगनी रंग के रत्न से कम शक्तिशाली होते हैं, जिस प्रकार सफेद ऊर्जा बैंगनी रंग की ऊर्जा से कम शक्तिशली होती हैं, यद्यपि दोनों ही प्रकार की ऊर्जाओं में सभी रंगों के गुण होते हैं। पारदर्शी रंग के रत्न से भी किसी भी रंग की ऊर्जा प्रेषित की जा सकती है, किन्तु उसके लिए आपको तद्नुसार इच्छाशक्ति करनी होगी। कभी-कभी नीले रंग के रत्न, विशेषतौर पर नीलम रत्न के पहनने से व्यक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, इसलिए इसके लिए सावधानी बरतें। जैसे पहनने से पहले, रात्रि को सोते समय तकिये के नीचे रखें, तब इसका प्रभाव देखें। ५.४३१
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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