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(ख) नानसिक या पाचानक लप रो निः- देश दीजिए
उस ईश्वर की शक्ति जो मुझ दैवीय व्यक्तित्व में है. ऐ नकारात्मक परजीवियो, तुम चले जाओ और लौटकर नहीं आना। By the power of God manifesting through my divine self ! Negative elementals, be gone! Do not return अथवा अस्वच्छ एवम् गंदी आत्माएं, तुम चली जाओ और कभी लौटकर मत आना। Unclean Spirits, be gone! Never return! यह आदेश एक या अनेक बार दिया जा सकता है।
प्राणिक मानसिक/मनोवैज्ञानिक उपचार, चक्रों के फिल्टर की दरारों को ठीक करने एवम् छेदों को सील करने एवम् चक्रों को सामान्य करने के लिए कीजिए। जब तक आवश्यक्ता हो, तब तक उपचार कीजिए।
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