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________________ ! (ग) (घ) E 6 GBV हृदय को सक्रिय करने के लिए, C 7/E7b ( कम G) V 7 को बड़ा होता हुआ दृश्यीकृत करें। (ङ) E 8 IB इसके बाद आगे इस्तेमाल होने वाली ० का स्थानीयकरण करने हेतु (च) (छ) (ज) (झ) (ट) (ठ) - C8GO साधारण C 8 द्वारा अच्छी प्रकार सफाई करने में काफी समय लगेगा। E8 GB- इसके साथ ही इस चक्र को छोटा करने की इच्छाशक्ति करें। C' 9/E GV' चरण (ख) से (ज) तक पर विशेष ध्यान दें । C ( 10, 11, bh) / EGV C (1, 4)/E W उपचार को सप्ताह में तीन बार करें। अन्तःस्त्रावी ग्रंथियों के रोग- Ailments of the Endocrine Glands (क) यदि प्रभावित चक्र अधिक सक्रिय हैं, तो C ( प्रभावित चक्र) / EG, IB - साथ ही उसको छोटे करने की इच्छाशक्ति करें । (च) (ख) यदि प्रभावित चक्र कम सक्रिय हैं तो, C ( प्रभावित चक्र ) / E GR', यदि या उससे नीचे है, तो। साथ ही उसको बड़ा करने की 6 प्रभावित चक्र इच्छाशक्ति करें । चूंकि 9 अन्तःस्त्रावी ग्रंथियों का नियंत्रण करता है, इसलिए C9/EG V' (11) (घ) चूंकि आमतौर पर 6 रोग का कारण होता है अथवा गलत ढंग से कार्य करता है, इसलिए T 6 करें। (ङ) चूंकि 7 ऊपर के चक्रों तथा उनके सम्बंधित अन्तःस्त्रावी ग्रंथियों को नियमन करने में सहायता करता है, और 4 निचले चक्रों एवम् उनसे संबंधित अन्तःस्त्रावी ग्रंथियों के नियमन करता है, इसलिये T (7, 4) करना आवश्यक है। उपचार को सप्ताह में तीन बार करें। ५.२९०
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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