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________________ (११) स्ट्रोक Stroke स्ट्रोक मस्तिष्क में रक्त नलियों के समय के साथ तंग होते-होते उसके व्यबाधित हो जाने के कारण अथवा उच्च रक्त चाप के फलस्वरूप परिष्क में उनके फट जाने (cerebral hemorrhage) के कारण होता है। मस्तिष्क की रक्त नलिकाओं के तंग होते रहने j, 86, L और 1 प्रभावित होते हैं । (bh, j, 8) का मस्तिष्क की रक्त नलियों को यह प्रभावित करते हैं। 6 के गलत ढंग के कार्य करने के कारण 8 j bh भी गलत तौर पर चलते हैं। दूसरे शब्दों में, नकारात्मक भावनाएं मस्तिष्क की रक्तनलियों पर विपरीत प्रभाव डालती हैं। C (AP, समस्त मस्तिष्क विशेष तौर पर उसका मध्य का भाग जहां मोटर एरिया होता है और आम तौर पर प्रभावित हो जाता है ) ( देखिए चित्र ५.०६ ) महत्वपूर्ण है। AP पर घनापन हो जाता है और जांच द्वारा ढूंढ़ लिया जाता है। कुछ केसों में C (AP, समस्त सिर का क्षेत्र) तथा T (bh, j 8) द्वारा ही सुधार दिखाई देने लगता है। (क) मस्तिष्क की रक्त नलियों की रुकावट (Blocking of Cerebral Blood Vessel) के कारण होने वाले स्ट्रोक का निम्नवत उपचार है : के केस में 11, 10,9, bh C किया जाता है, क्योंकि (क) रोगी की जांच करें, विशेष तौर पर 11, 10, 9, bh, j, 8, 8, 1 और 1 को। उपचार के दौरान पुनः जांचें । GS (२ या ३) C' (AP, समस्त सिर का क्षेत्र) G V, पुनः जांचे। ६ अच्छी प्रकार होनी चाहिए | G का घोलनात्मक प्रभाव होता है। (ख) (ग) (घ) C' ( 11, 10, 9, bh) / EGV, पुनः जांचे। फिर पुनः C - महत्वपूर्ण हैं। (ङ) C ( समस्त गर्दन का क्षेत्र) C (j 8 8 ) / E GV - यह चरण काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि मस्तिष्क और सिर को जाने वाली बाएं एवं दांयी रक्तनलियों को प्रभावित करता है। j की स्वस्थता 8 8' की हालत पर निर्भर करती है। ५.२४९ करें - यह
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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