SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 664
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (क) C' (6. 2) अच्छी प्रकार से C करने से रोगी को काफी आराम मिल जाता है । (ख) E6 GBV (T) C ( रीढ़ की हड्डी व पीठ के ऊपरी भाग पर ) - गंदी लाल ऊर्जा निकालने के लिए । (घ) C 7/E 7b GV रोगी को शान्ति मिले। (ङ) C' ( प्रभावित सिर का क्षेत्र, 9, 10, 11, bh)/E GBV - 7 को बड़ा होता हुआ दृश्यीकृत करें, ताकि इससे उपक्रम (७) दांत का दर्द Toothache (क) C' (AP) G/E GB V (ख) दंत चिकित्सक से मिलने के लिए कहें। (ग) दांत निकालने अथवा सर्जरी के पश्चात, सूजन कम करने हेतु भी यह उपचार करें। उपक्रम (८) पायरिया - Pyorrhea (क) C (AP) GVE GBV - (ख) C (1, 4, 6)/EW (ग) उपक्रम (६) टूटी हड्डी Broken Bone (क) C (AP तथा प्रभावित बांह या पैर पर ) G- 0 (ख) E (AP) B - सकून पहुंचाने तथा localize (स्थानीय) करने हेतु । E (AP) O-Y (इसमें ७०% W, १५% से थोड़ा कम 10 तथा १५% से थोड़ा ज्यादा IY ऊर्जा होनी चाहिए ) (ग) (घ) C (a, e, H) अथवा (h, k S ) / E R— शक्ति पहुंचाने को | H अथवा S में प्रेषित प्राणशक्ति का स्थिरीकरण न करें। (च) उपचार दिन में एक या दो बार जब तक जरूरी हो करें। - () C (1, 4)/ER (1 द्वारा शक्ति पहुंचाने के तथा 4 द्वारा ओजस्विता बढ़ाने के लिए) सप्ताह में कई बार इलाज दोहरायें, जब तक जरूरी हो। बहुत तेज गति से ठीक करने हेतु, दिन में एक या अधिक बार उपचार करें। ५.१९२
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy