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________________ अन्तः स्त्रावी ग्रन्थियाँ - Endocrine Glands (सन्दर्भ - भाग २, अध्याय १०, चित्र २.२४ से २.२८ तक तथा २.३१ व २.३२) (10 (11) यथि पिनीयल पिंथि लघु चक्र चक्र - समस्त अन्तःस्त्रायी पीयूष ग्रंथि तंत्र पिनीयल ग्रंथि थायराइड ग्रंथि नाए व दाए थायराइड के लघु चक्र ] सहायता करते हैं इन चक्र करवाने में 7 और थायमम प्रधिकी से सम्बन्धित अंगों सहित सभी लघु चक्रों को नियंत्रण और सुचारपूर्वक परिचालन । 1.2 तथा एम् इनसे सम्बन्धित अंग को नियंत्रण एयम् यापूर्वक परिचालन में 4,9 की सहायता करता है। 8,10 तथा 11 व ऊपर ऊपर के बांए व दाए एवम नीचे के बाए व दाए पैराथायराइडनधि के अति लघु चक्र पैराथायराइड ग्रंथि थायमस ग्रंथि ग्रंथि, हृदय, रक्तचाप कण्ठ, थायराइड ( थायमस लघुचक्र) पैराथायूराइड ग्रंथि और सिर दाए द बांए थायमस अति लघुचक )[ के अन्दर अवस्थित अंग अग्न्याशय के बाएं व दार ऊपरी अति लघुचक्र अग्न्याशय] प्रथि अग्न्याशय का लघुचक्र अधिवृक्क ग्रंधियाँ दाए व बाए अधिवृक्क ग्रन्थियों के लघुचक्र अण्डकोष (टेम्टीज) दार व बांए अण्डकोष के लघुचक्र (8) कण्ठ चक्र का काम चक्र से उच्च व्यवहार में सम्बन्ध अण्डाशय Ovaries दाए व बांए अण्डाशय के लघुचक्र
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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