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________________ विवरण/ चन्द्र (इन्द्र) सूर्य (प्रतीन्द्र)। ग्रह नक्षत्र ! तारा प्रकार दिससंस्थित, विरत, वीतशोक. निश्चल, प्रलम्, भासुर, स्वयंप्रभ, विजय, वैजयन्त, सीमकर, अपराजित, जयन्त, विमल. अभयंकर, विकस, काष्ठी, विकट, कज्जली, अग्निज्वाल, अशोक, केतु क्षीरस. अघ. श्रवण, जलकेतु, केतु, अन्तरद. एकसंस्थान, अश्व, भावग्रह, महाग्रह चित्रा पृथ्वी से | चित्रा पृथ्वी से | चित्रा पृथ्वी के / चित्रा पृथ्वी से | चित्रा पृथ्वी ८८० योजन ! ८०० योजन | उपरिम तल से | ८४ योजन | से ७६० ऊपर उत्तानमुख ऊपर विमान | ग्रह समूह की ऊपर आकाश | योजन ऊपर विमान जिसका | जिसका व्यास | नगरियां स्थित | मार्ग में नक्षत्रों जाकर व्यास ५६/६१ | ४८/६१ योजन हैं:- ८८.८ यो, | के नगर है। | आकाश तल योजन है। इसमें | है। इसमें जिन | ऊपर - बुध में ११० जिन मन्दिर | मन्दिर स्थित | ग्रह, ८६१ यो. योजन प्रमाण स्थित है। इन | है। इन विमानों ऊपर शुक्र ग्रह, विमानों में | में विद्यमान | ८६४ यो. ऊपर ताराओं के विद्यमान पृथ्वीकायिक बृहस्पति ग्रह, नगर है। पृथ्वीकायिक जीव जीव आताप ८६७ यो. ऊपर उद्योत नाम कर्म नाम कर्म के मंगल ग्रह, के उदय से | उदय से ६०० यो. ऊपर संयुक्त हैं, अतः | संयुक्त हैं, अतः | शनि ग्रह | बुध प्ररूपणा स्थिति बाहुल्य में १.२६
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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