________________
२.
अनुमस्तिष्क (Cerebellum अथवा छोटा मस्तिष्क) -विद्युत डायनेमो (Dynamo) के आर्मेचर (armature) की तरह यहाँ चेताएँ होती हैं। जब रुधिर उसमें से गुजरता है, तो विद्युत (Electricity) उत्पन्न होती है। उत्पन्न होने वाले धन (positive) भार को रीढ़ की हड्डी (Spine) के प्रथम मनका (first ventricle) तथा ऋण (negative) भार को द्वितीय मनका द्वारा मस्तिष्क में पहुँचाया जाता है। इन दोनों भारों से मस्तिष्क (शरीर की बैटरी) पुनः चार्ज होती है, जिससे चालक चेताएँ क्रियाशील रहती हैं। शरीर में चलने वाली अज्ञात (अनजान) क्रियाओं का वे नियमन व नियंत्रण करती हैं। ये मस्तिष्क के पिछले भाग में अवस्थित होता है। बृहद मस्तिष्क (Cerebrum अथवा बड़ा मस्तिष्क) - यह सुपर कम्प्यूटर {Super Computer) है। पाँच संवेदन इंद्रियों द्वारा प्राप्त संवेदनों को अन्तर्वाही चेतओं के माध्यम से बृहत मस्तिष्क में भेजा जाता है। यहाँ भूतकाल में प्राप्त ज्ञान व अनुभव के आधार पर उसका विश्लेषण होता है और आवश्यक आज्ञाएं तैयार कर बहिर्वाही चेताओं द्वारा सम्बन्धित अंगों की ओर भेजी जाती हैं। इस प्रकार यह हमारी मध्यवर्ती चेतातंत्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। बड़े मस्तिष्क में दो बड़े अर्ध गोलार्ध विभाग हैं। दाहिना भाग शरीर के बाँए भाग तथा बाँया भाग शरीर के दहिने भाग का नियंत्रण करता है। इस मस्तिष्क के सुपर कम्प्यूटर में लगभग २०,००० चिप्स (Chips) हैं, परन्तु उनमें से हम केवल १० प्रतिशत का ही उपयोग करते हैं। बहुत बुद्धिमान व्यक्ति का कदाचित १५ प्रतिशत तक ही हो पाता है। __ मध्यवर्ती चेता तंत्र के विभिन्न विभाग विभिन्न कार्यो का सन्तुलन करते हैं, जो निम्नवत है :
अग्र खण्ड (Frontal lobe) - न्याय-तर्क पार्श्वक खण्ड (Parietal lobe) - हिलने-डुलने की संवेदना अनुकपाली (Occipetal lobe) - दृष्टि – आँख छोटा मस्तिष्क (Cerebellum) - स्नायुओं का संचालन और
संतुलन शंख खण्ड (Temporal) - स्मरण शक्ति-श्रवण शक्ति