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अध्याय – ३६ ऊर्जा के अन्य उपयोग (अध्यात्म के अतिरिक्त)Other Applications of Energy
(Other than Spiritual) (१) वस्तुओं को ऊर्जित करना - Energising Objects
___ पानी, भोजन, पौधे, दवाएं. तेल, मल्हम, लेप, लोशन, पट्टी. दूध आदि वस्तुओं को भी उपचार में सहयोग के लिए प्राणशक्ति से ऊर्जित किया जा सकता है। ऊर्जित किए हुए पानी को रोगी उपचार में सहयोग के लिए पी सकता है। ठंडा पानी बहुत अधिक प्राणशक्ति सोखता है जबकि गर्म पानी बहुत कम सोखता है। अतएव इसके लिए ठंडे पानी का ही उपयोग अपेक्षित होगा।
पौधे, दवा, तेल, मल्हम, लोशन आदि की प्रभावशीलाता और ताकत बढ़ाने के लिए उन्हें ऊर्जित किया जा सकता है। किन्तु ध्यान रहे कि यदि दवा रोगी के लिए कदाचित् हानिकारक सिद्ध होती है, तो ऊर्जित की हुई दवा और अधिक हानिकारक हो जाएगी। मालिश के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले ऊर्जित तेल रोगी के त्वचा के छिद्रों से प्रवेश कर प्राणशक्ति के प्रवेश के लिए एक वाहक का काम करते हैं। यह उन रोगियों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है जो उपचार क्रिया में बाधा पहुंचाते हैं।
उपरोक्त वस्तुओं के प्रयोग से कई बार उपचार की संख्या कम की जा सकती है। प्राणिक-श्वसन प्रक्रिया अथवा साधारण ऊर्जा ग्रहण विधि से इन वस्तुओं का ऊर्जन किया जा सकता है। पौधों को शीघ्र विकसित करना- Induction of Faster Growth of Plants
इसके लिए c (पौधे की जड़) GIE R (६५ प्रतिशत मात्रा), Y (५ प्रतिशत मात्रा) करिए। इसको एक महीने तक प्रतिदिन करिए। सावधानी- अधिक E Y न करें. अन्यथा इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा।