________________ * 35 * भार्या को छोड़ दे। गाल में जिसके खड्ड पड़ते हों, गधे जैसी आवाज वाली, मोटी जघा वाली, खड़े बालों वाली, लम्बे होठ वाली, मोटे मुख वाली, अलग 2 दांतों वाली, काले दांत, होठ और जीभ वाली, सुके हुये अंगों वाली, विषम भृकुटि और स्तन वाली, नाक, मुह चपटा हो तो वह स्त्री त्यागने योग्य है / ऐसी स्त्री सुख से रहित और भ्रष्ट शाल वाली होती है। कछुए जैसी पीठ वाली, हाथी जैसे स्कन्ध वाली, कमल के पत्र जैसे पुष्ट साथल वाली, पुष्ट गाल वाली, छोटे और एक समान दांतों वाली, अच्छी तरह से गुप्त, अति उष्ण और गोलाकार वाली, इस प्रकार की 6 योनियें मच्छी मानी गयी हैं / दक्षिणवर्त्त नाभि, स्निग्ध अंग वाली, सुन्दर भृकुटि खुली कमर वाली और खुले जधन, अच्छे सुन्दर बालों वाल कच्छुए जैसी पीठ वाली, ठंडी, दांत जिसके एक समान है, जिसके | के भाग खुले हैं, सुन्दर गोल कमल जैसे नेत्र वाली सुव्रता, सारे ही गुर से युक्त ऐसी स्त्री विवाह के योग्य है। इस प्रकार बहुत समय तक श्रीचन्द्र ने प्रियंगुमंजरी के साथ वार्तालाप करने के पश्चात् प्रियंगुमंजरी ने श्रीचन्द्र के कंठ में वरमाला पहनाई। बाद में मंडप के द्वार में पांखण आदि सारी विधि के बाद श्रीचन्द्र राज प्रांगन में आए वहां सारी क्रिया होने के बाद कन्या से युक्त हरे बांस की बनी हुई बड़ी चोरी में आए / अग्नि के चारों तरफ फेरी फिरते, चौथे मंगल फेरे में नरसिंह राजा ने जमाई को चतुरंग सेना मादि सौंपी और कहा यह सब तुम्हारे साथ भेजूंगा। श्रीचन्द्र प्रियंगु P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust