________________ स्कंदका चरित्रं KR // 1 // // श्रीजिनायनमः॥ // अथ श्रीस्कंदकाचार्यचरित्रं प्रारभ्यते // (कर्ता-श्री शुभवर्धनगणी) छपावी प्रसिद्ध करनार-पंडित श्रावक हीरालाल हंसराज ( जामनगरवाळा) श्रावस्तीति सुविस्तीर्ण-सुकृतात्रास्ति पूर्वरा // जना वितमसो यत्र / प्रासादाश्च मणिमयाः॥१॥ सुविख्यातयशास्तत्र / जितशत्रुर्नरेश्वरः // तस्य भूमिपतेः शील-धारिणी धारिणी प्रिया // 2 // तयोर्दक्षः स्कंदकाख्यः / कुमारः सारविक्रमः // युवराजश्रियं भुंजन् / जैनधर्मरतोऽभवत्. // 3 // + स्वसा कनीयसी तस्य / पुरंदरयशोऽभिधा // चतुःषष्टिकलोपेता / रूपसौभाग्यशालिनी // 4 // दंडकाग्निनरेंद्रस्य / कुंभकारकटप्रभोः // सा दत्ता पट्टराज्ञीत्वं / प्राप्ता सौभाग्यभाग्यभूः // 5 // दंडकाग्निमहीभर्तु-मिथ्यादृष्टिः पुरोहितः // पालकाख्यो जैनधर्म-द्वेषी विद्याभिमानभूत् // 6 PP.Ac, Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust