________________ * तृतीय पच्छेिद * [ 75 दुष्प्राप ऐसा महा रस किस प्राक्तन पुण्य से मुझे प्राप्त हुआ ? इन सब प्रश्नों का उत्तर कृपा करके भगवन् ! मुझे दीजिये / विद्याप्रेमी सुरेन्द्रमुनि कृते रत्नपाल नृप चरित्रे भाषानुवादे श्री अजितनाथ देशना वर्णनो नाम तृतीय परिच्छेद समाप्तः // P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gurf Aaradhak Trust