________________ प्रत्येक चरित्रं 354 ना सादी / सादिना च निषादिना // निषादी पत्तिना पत्ति-रास्फललगर्जितः // 7 // उ. त्पतिस्म शस्त्राणि / इयोसस्फलतोर्मियः / युगांतपवनोमांत-वारिध्योरिव वीचयः // // करवालकलत्कार-ज्वालामालाकरालितं // रणाग्निं प्रीणयंतिस्म / नटाः प्राणैस्तृणैरिव // ए॥ तूर्यनादेविवादैश्च / सिंहनादैः कृतैनटैः // प्रहारध्वनिनिर्विश्वे / शब्दाद्वैतमिवाजनि // 17 // नृत्यंतिस्म कबंधौघाः / पतंतिम च सिंधुराः // उत्पतिस्म तुरगा / जिन्नशीर्षपदोदराः // 11 // शरधाराधोरणीनि-वर्षतोऽस्त्रांशुविद्युतः // मेघा व नटास्तत्र / चकू रुधिरकदमं // 12 // शरांधकारे संजाते / रजोरुके दिवाकरे // तारायिते स्फुलिंगौघै-र्दिवा रात्रिरिवाजवत् // 13 // सर्वतः शूरमेघेषु / वर्षत्सु शरवारिनिः॥ शस्त्रनिन्नेजनूलृदन्यो-ऽवहन् कीलालनिम्नगाः // 14 // तत्र जिन्नातपत्राणि / पुमरीकोपमा दधुः // पद्मिनीपत्रक्त्कर्णाः / कृत्ताः करटिनां बभूः // 15 // बिन्नकुंचकरा नाल-लीलां दधुरथांगवत् // रथांगानि तरंतिस्म / मऊंतिम गजा अपि // 16 // धीवरा व धीराः स्म / तरंति तरणातुराः // तटामा श्व जटा / याकृष्यतेस्म वेगतः // 17 // एवं चिरतरं युद्धं / सेन्ययोरुजयोरपि // तुज्यमेब S P .P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust