________________ 4. (3) जाग मुसाफिर भोर भरे : जोवनके उत्थान एवं प्रगतिके लीए अनेक रीतसे बोधक मननीय एव आध्यात्मिक प्रेरणादायी प्रवचन (द्वितीय आवृत्ति). क्रा. 16 पेजो 334 + 24 = 358 पेज. मू. 7-00 (4) दीपसे दीप जले : जीवन के उदात्त एवं परम मंगल तत्वोके उद्बोधक मनन चितन-निदिध्यासन सभर 12 आध्यात्मिक प्रवचन. का. 16 पेजी 176 + 26 % 202 पेज : म. 4-50 (5) बीत गई रात जाग उठा प्रभात : सस्कार सभर त्याग-वैराग्य एवं संयममार्गको साधनामें सहायक ऐतिहासिक कथाए. माधुर्ययुक्त स्वस्थ एव' ओजस्वी शैलीमें आलेखित. का. 16 पेजी 340 षेज : मू. 5-00 (6) पतन ओर प्रायश्चित : बोधप्रद मननीय एवं रसप्रद ऐतिहासिक कथाए लघु निबंध ओर सवाद आदि सुदर साहित्यसे समृद्ध. . . का१६ पेजी 314 + 32 = 346 . मू. 12-50 - नया प्रकाशन : प्रसिद्धिके पथपर स्वप्नद्रव्य देवद्रव्यहि है : स्वप्नद्रव्यके विषयमें जैन संघमें जो विवाद पूर्वकालसे चल रहा है उनका शास्त्रानुसारी एव पू. सुविहित शासनप्रभावक आचार्यादिके अभिप्राय आदि मननीय साहित्यसे संकलित निराकरण अपने विषयका एक ओर अनूठा प्रकाशन. P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust