________________ RECARSA%AA%ASAREAK है हववाद म ताणो // चे०॥दा॥(शास्त्र सिद्धांते तेह मनाणो॥०॥ते॥)॥॥ जेम शशहर ग्रह|| गणमां विराजे, मुनि परिवारमा तेम गुरु गाजे // चे // ते // गुरुथी अलगा मत रहो नाश, गुरु ||8 | सेव्ये सहेशो गौरव // चे // सो // ए॥ गुरुना चरणनी सेवा म चूको, तीम गुरुने वीसारी म Pil मुको // चे० // वी० // गुरु विनये गीतारथ थाशो, वंबित सवि सुख लक्ष्मी कमाशो // चे // लग || // 10 // शांत दांत विनयथा लजालु, तप जप क्रियावंत दीन दयालु // चे // वं० // गुरुकुल8/ वासे वसतो शिष्य, पूजनीय होये वीसवा वीस // 0 // वि० // 11 // दशवैकालिक नवमे अध्य 6 यने, अर्थ ए जांख्यो केवली वयणे // चे // के // इणीपरे लानविजय गुरु सेवी, वृद्धिविजय हूँ|| स्थिर लक्ष्मी लहेव // चे // लम् // 15 // इति // ए॥ ते तरीया लाइ ते तरीथा // ए देशी // ते मुनि वंदो ते मुनि वंदो, उपशम रसतरु कंदो रे // निर्मल शान कलानो चंदो, तप तेजे जेहवो दिणंदोरे // ते // 1 // ए यांकणी // पंचाश्र. | वनो करे परिहार, पंचमहाव्रत धाररे // षट् जीवकाय तणा थाधार, करतो उग्र विहाररे // ते // C. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aarad