________________ दैनिक हिन्दुस्तान बॉर्डर श्री सांवलिया पार्श्वनाथ सम्मेतशिखरजी तीर्थ का अंजनशाला का प्रतिष्ठा व मुमुक्ष पिंकी गोलच्छा का दीक्षा महोत्सव 3 मार्च को आचार्य जिनपीयूषसागर सूरिश्वर महाराज होगें मुख्य प्रतिष्ठाचार्य बाड़मेर, 17 फरवरी। जैन तीर्थ सम्मेत संघ लच्छवाड़, चम्पापुरी, भागलपुर, पावापुरी, शिखरजी में तीर्थ के मलनायक सांवलिया ऋजुबालिका आदि तीर्थो के दर्शन-पूजन करते पार्शवनाथ भगवान के जिर्णोद्धार उपरान्त नूतन हुए 28 फरवरी के शाम को सम्मेतशिखरजी जिनालय में विराजित होने वाले जिनबिम्बों की तीर्थ पहुंचेगा तथा 3 मार्च को आयोजित होने अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर वाले मुख्य प्रतिष्ठा महोत्सव में शिरकत करेगें। तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। श्वेताम्बर मुख्य प्रतिष्ठाचार्य श्री जिनपीयूषसागर जैनों के इस प्रमुख तीर्थ का प्रतिष्ठा महोत्सव 24 सूरिश्वरजी म.सा. आचार्य विनयसागर फरवरी से प्रारम्भ होकर 3 मार्च तक चलेगा। सूरिश्वरजी म.सा. सहित विभिन्न समुदाय के फाल्गुन कृष्णा 12 को रविवार के दिन 3 मार्च आचार्य भगवंतों, श्रमण-श्रमणीवृंद की पावन को सांवलिया पार्शवनाथ भगवान के प्रभावक निश्रा में यह प्रतिष्ठा महोत्सव जीर्णोद्धारकृत नूतन जिनालय का यह प्रतिष्ठा आयोजित होने जा रहा है। बाड़मेर सहित एवं मुमुक्ष पिंकी गोलच्छा की भागवती दीक्षा मालाणी क्षेत्र के जैन श्रावकों में आचार्य महोत्सव होगा। यह प्रतिष्ठा महोत्सव श्री जैन जिनपीयूषसागर सूरिश्वरजी म.सा. की निश्रा श्वेताम्बर सोसायटी सम्मेतशिखर के द्वारा एवं प्रवर्तिनी महोदया चन्द्रप्रभा श्रीजी म.सा. आयोजित किया गया है। आचार्य की विदुषी शिष्या प.पू. विजयप्रभा श्रीजी जिनपीयूषसागर सूरीश्वर महाराज के मार्गदर्शन म.सा. व प.पू. चन्दनबालाश्रीजी म.सा. आदि में इस तीर्थ का जिर्णोद्धार संपन्न हुआ है। ठाणा के पावन सान्निध्य में होने वाले इस प्रज्ञाभारती सांवलिया पार्शवनाथ सम्मेत शिखर अंजनशलाका प्रतिष्ठा व दीक्षा महोत्सव को तीर्थ जिर्णोद्धार प्रेरिका प्रवर्तिनी साध्वी लेकर काफी उत्साह बना हुआ है। चन्द्रप्रभाश्रीजी म.सा. का इस मंदिर के जैन धर्म के अनुयायियों में इस प्रतिष्ठा जिर्णोद्धार प्रेरक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान महोत्सव को एक दुर्लभ अवसर के रूप में रहा है। देखा जा रहा है। लोगों का मानना है कि सम्मेत प्रतिष्ठा महोत्सव में बाडमेर से जायेगें शिखर महातीर्थ के मुख्य मंदिर की प्रतिष्ठा को सैकड़ों श्रद्धालुगणः जैन धर्म के 24 में से तो वर्तमान युग में किसी भी व्यक्ति ने नहीं बीस-बीस तीर्थकरों की निर्वाण भूमि एवं अनंत देखा है। लेकिन अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव तो सभी आत्माओं की साधना स्थली झारखंड प्रदेशान्तर्गत के समक्ष हो रहा है। सिद्धक्षेत्र सम्मेत शिखरजी तीर्थ में आयोजित होने जा रहे अतः लोगों में काफी उत्साह का माहौल बना हुआ इस ऐतिहासिक प्रतिष्ठा महोत्सव में भाग लेने के लिए है। सम्मेत शिखरजी के विभिन्न चोटियों से 20 तीर्थंकरों बाड़मेर शहर से सैकड़ों श्रद्धालुगण 24 फरवरी को रात्रि के साथ अनगिनत मुनि मोक्ष को गये है, इसलिए इस में गुवाहटी एक्सप्रेस ट्रेन के द्वारा प्रस्थान करेगें। ये यात्रा भूमि को अत्यंत पवित्र माना जाता है। 88888888888888888888888| 74 888888888888888888888