________________ परिशिष्ट 2 अवन्ति पार्श्वनाथ प्रतिष्ठा के समय श्री तपागच्छीय प्रवर समिति के पत्र ॥श्रीवीतरामाय नमः॥ तपागरछीय प्रवरसभिति * તપાગચ્છાધિપતિ આચાર્ય શ્રી મનોહરકીર્તિ * ગચ્છાધિપતિ આચાર્ય શ્રી વિજય હેમચંદ્રસૂરિજી * ગચ્છાધિપતિ આચાર્ય શ્રી વિજયજયઘોષસૂરિજી * ગચ્છાધિપતિ આચાર્ય શ્રી વિજયઅભયદેવસૂરિજી (કાર્યવાહક) * ગચ્છાધિપતિ આચાર્ય શ્રી દોલતસાગરસૂરિજી .. . . . . .. . . . .. सं. 2075, महासुद-५, ता. 10-2-2019 अध्यक्षश्री-ट्रस्टीगण श्री अवन्ती पार्श्वनाथ जैन श्वे.मू.पू मारवाडी समाज ट्रस्ट तथा श्री अवन्ती पार्श्वनाथ तीर्थ प्रतिष्टा महोत्सव समिति ( उज्जैन-म.प्र.) धर्मलाभ वि. वर्तमान में 108 पार्श्वनाथ में से एक अवन्तीका पार्श्वनाथ भगवान जो कल्याण मंन्दिर स्तोत्र द्वारा सिद्धसेनदिवाकरसूरिजी से प्रतिष्ठित है / उस मूल मन्दिर का आमूलचूल जिर्णोद्वार हो रहा है। प्रस्तुत मन्दिर का जीर्णोद्वार तपागच्छीय आ. सेनसूरिजी म. के करकमलो से हुआ था / परंतु यह मन्दिर सर्वगच्छीय होने से सभी गच्छो के द्वारा छोटे बड़े काम करवायें गए थे। मन्दिर जीर्णोद्वार हेतु ता.२१-१-२००१ को ट्रस्ट की एक बेठक हुई थी उसमें स्पष्टनिर्णय था की अवन्ती पार्श्वनाथ के आसपास 2 प्राचीन प्रतिमाजी (जो तपा. सेनसूरिजी म.के हाथ प्रतिष्ठित है वर्तमान में भी प्रतिमाजी पर उनका नाम है) का उत्थापन नहीं करना। नवीन प्रतिमाजी स्थापित न करना। मन्दिर में कोई भी आचार्य की मूर्ति न बीठाना। . पीछले दीनो से हमें हमारे श्री संघोसे ज्ञात हुआ की तपागच्छीयों के हाथो से प्रतिष्ठत हुए दो परमात्मा एवं तपागच्छी अधिष्ठायक श्री माणीभद्रवीर एवं तपागच्छीय जगदगुरु हीरसूरीश्वरजी म.सा.की प्रतिमा जो स्थान पर थी वहीं से उत्थापन कीया है। तो हमारी तरफ से श्री संध-ट्रस्ट-और समिति को ज्ञात कीया जाता है की उपरोक्त प्रतिमा मंदिरजी में जिस स्थान पर प्रतिष्ठित थी वहीं जगह पे प्रतिष्ठित कर केंरखें। -U પત્ર વ્યવહાર સંપર્ક : પ. પૂ. ગચ્છાધિપતિ આચાર્ય ભગવંત શ્રી વિજય અભયદેવસૂરીશ્વરજી મ. સા. BHARAT GRAPHICS: 7, New Market, Panjarapole, Relief Road, Ahmmedabad - 1. Tushar Shah Mo. 095107 52602, E-mail: abhayfoundation la gmail.com विहार संपर्क: 9737042431, वोदय dion: 9737042432 TUT) 250 888888888888888888888888| 44 888888888888888888888