________________ ceroo समर्पणम् ...... प्रभुवीर की अखंड श्रमण परंपरा के संवाहक, पंचकल्याणक समर्थक * चांद्रकुलीन, नाकोडा तीर्थ स्थापक आ. स्थूलभद्रसूरिजी म.सा. * ओसवाल वंश स्थापक आ. रत्नप्रभसूरिजी म.सा. * श्री निग्रंथ-कोटि-चांद्र-वनवासी-वड गच्छीय नामांतरे तपागच्छीय * षण्मासी अमारि प्रवर्तक, शत्रुजय कथादि मोचक, 1444 ग्रंथ कर्ता आ. हरिभद्रसूरिजी म.सा. * नवांगी टीकाकार आ. अभयदेवसूरिजी म.सा. * चांद्रकुलीन,संवेगरंगशाला कर्ता आ. जिनचंद्रसूरिजी म.सा. * अकबर प्रतिबोधक, जगद्गुरु आ. हीरविजयसूरिजी म.सा. * खरतरमद भंजक महोपाध्याय धर्मसागरजी म.सा. * नाकोडा तीर्थोद्धारक एवं नाकोडा भैरवजी को प्रत्यक्ष करके उनको सम्यग् दर्शन दिलानेवाले आ. हिमाचलसूरिजी म.सा. * इतिहास प्रेमी मुनि ज्ञानसुंदरजी म.सा. * इतिहास वेत्ता पं. कल्याण विजयजी म.सा. * प्रवर समिति के आदेश से शासन एवं इतिहास की रक्षा हेतु उग्र विहार द्वारा उज्जैन पधारने वाले अवन्ति पार्श्वनाथ तीर्थ के मुख्य प्रतिष्ठाचार्य आ. भ. श्री हेमचंद्रसागरजी म.सा. (बंधु बेलडी) को सादर समर्पित