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________________ भगवान् महावीर का प्रभाव श्री लालबहादुर शास्त्री, मंत्री भारत सरकार ★ रिश्वत, बेईमानी, अत्याचार अवश्य नष्ट हो जावें यदि हम भगवान महावीर की सुन्दर और प्रभावशाली शिक्षाओं का पालन करें । बजाय इसके कि हम दूसरों को बुरा कहें और उन में दोष निकालें। अगर भगवान् महावीर के समान हम सब अपने दोषों और कमजोरियों को दूर कर लें तो सारा संसार खुद-ब-खुद सुधर जाये । - वर्द्धमान देहली, अप्रैल १६५३, पृ० ५६ ॥ जैनधर्म व्यवहारिक, आस्तिक तथा स्वतंत्र है श्रीयुत लक्ष्मण रघुनाथ भिंडे अन्य धर्मों के विद्वानों ने अज्ञानता और ईर्ष्या होने के कारण टीकाओं द्वारा भारतवर्ष में जैनधर्म के अनुसार अज्ञानता फैला दी है हालांकि जैनधर्म पूर्णरूप से व्यवहारिक और आस्तिक तथा स्वतंत्र धर्म है। - भ० महावीर का आदर्श जीवन पृ० ३६ [ ८७ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com मुक्ति का सबसे महान् ध्येय हिज हाइनेस, महाराज साहब सिंधिया राज- प्रमुख मध्य भारत जैन धर्म में जीवन की सार्थकता का सब से महान् ध्येय निर्वाण तथा मुक्ति को ही मानते हैं । जिनके प्राप्त करने से सांसारिक बन्धनों, लौकिक भावनाओं तथा जीवन के आवागमन से मोक्ष मिल जाता है । — जैन गजट देहली, २४-५-५१
SR No.035297
Book TitleVardhaman Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambardas Jain
PublisherDigambardas Jain
Publication Year
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size134 MB
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