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________________ (Egypt) में 'मेमनन' (Memon) की प्रसिद्ध मूर्ति 'महिमन' (महामान्य) की पवित्र यादगार है' । इस प्रकार भगवान महावीर का बिहार और धर्म- प्रचार न केवल भारत में बल्कि समस्त संसार में हुआ । महाराजा श्रेणिक पर वीर-प्रभाव Mahavira visited Rajgrih, where He was most cordially welcomed. King Sredak Bimbisara himself came and paid the highest respect to Him and everafter remained a great patron of Jainism. -Mr. U. S. Tank : VOA. Vol. II, P. 68. विपुलाचल पर्वत को एकदम दुलहन के समान सजा, सूखे बृक्षों को हरा-भरा' तथा जलहीन बावड़ियों को ठण्डे और मीठे जल से भरा ऋतु न होने पर भी छहों ऋतु के हर प्रकार के फल फूलों से समस्त बृक्षों को लदा हुआ देख कर वहाँ का बनमाली दङ्ग रह गया कि क्या मैं स्वप्न देख रहा हूँ या कोई जादू होगया ? वह थोड़ी दूर आगे बढ़ा तो उसके आश्चर्य की सीमा न रही। हर प्रकार के वैर भाव को छोड़ कर बिल्ली चूहे के साथ और नेवला सर्प के साथ आपस में प्रेम-व्ववहार कर रहे हैं । हिरण का बच्चा सिंहनी के थनों को माता के समान चूस रहा है, शेर और बकरो प्रेम-भाव से एक घाट पर पानी पी रहे हैं। १. Asiatic Researches. Vol. III. P. P. 193-199. २. Foot note No. 7 of P. 371 ३.५. जब पूरण भक्त के बागीचे में जाने से सूखे वृक्ष हरे तथा जलहीन बावड़ियां निर्मल जल से परिपूर्ण हो सकती हैं तो तीन लोक के पूज्य, सर्वज्ञ, अर्हन्तदेव, श्री वर्धमान महावीर के आगमन से ऐसा होने में क्या आश्चर्य की बात है ? -लेखक ६.८. All hostilities cease in the presence of one, who is established in Abinsa. -Patanjali, Yoga Sutra, II. 35. [ ३७३ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035297
Book TitleVardhaman Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambardas Jain
PublisherDigambardas Jain
Publication Year
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size134 MB
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