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नमो नमो निम्मलदंसणस्स
आगमसुत्ताणि
Folder - 01 आगम-सुत्ताणि मूलं print कुल किताबें - 49 भाषा- प्राकृत, कुल पृष्ठ 3509
सनि दीपरजसागर
इस पहले फोल्डर में हमने हमारे ४९ प्रकाशनों को सम्मिलित किया है, जो कि अर्धमागधी/प्राकृत भाषा में प्ररूपित मूल आगमसूत्र है।
इसमें 45 आगम 45 अलग-अलग किताबो में प्रिन्ट करवाए है, 4 वैकल्पिक आगम भी उसमे समाविष्ट किये है, इस-तरह (45+4) 49 मूल आगम यहाँ प्राप्त है
प्रत्येक सूत्र के अंतमे पूज्य सागरानंदसूरिजी संपादित 'आगममञ्जूषा के तथा उनकी ही संपादित वृत्ति आदि की प्रत के सूत्रांक भी लिख दिए है|
हमारे इस प्रकाशनमे श्रुतस्कंध, शतक/अध्ययन/वक्षस्कार/पद/प्रतिपत्ति, उद्देशक, सूत्रांगाथा आदि स्पष्ट अलग दिखाई दे, ऐसी विशिष्ट मुद्रणकला यहाँ प्रयोजी है | 445 आगमो की प्रत्येक किताबे भी अलग-अलग एवं छोटे कद की होने से आगमो के पठन-पाठन में या उसे कंठस्थ करने में बहोत सरलता रहती है |
45 आगमो की अलग अलग किताब होने से 45 आगम पूजा, पूजन, रथयात्रा या गौतमस्वामी आदि पूजनके लिए सुविधाजनक है
हमारे इस प्रकाशन की एक और विशेषता ये है कि यहाँ प्रत्येक सूत्र के आरंभ में हमने एक नया ही अनुक्रम प्रस्तुत किया है, जो आगमसद्दकोसो' 'आगम नामकोसो', 'आगम विषयदर्शन' एवं आगम कथानुयोग के मूल संदर्भ देखने के लिए तथा हमारी अत्यंत उपयोगी है । ये किताबे 8.75 x 5.75 की साईझ में print हुई है।
- मुनि दीपरत्नसागर
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