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[भाग-२८] श्री आवश्यक सूत्रम् (मूलसूत्रम् - १ / १ )
नमो नमो निम्मलदंसणस्स
पूज्य श्रीआनंद-क्षमा ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः
“आवश्यक” मूलं एवं वृत्तिः
[मूलं + भद्रबाहुस्वामी कृत् निर्युक्ति; + भाष्यं + हरिभद्रसूरि रचिता-वृत्तिः] भाग-२८, निर्युक्ति:- (००१-५२१)
[आद्य संपादकश्री]
पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह )
पुनः संकलनकर्ता मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.श्रुतमहर्षि)
'सवृत्तिक- आगम-सुत्ताणि' श्रेणि भाग-२८
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28/07/2017, शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५
श्री आगमोद्धारक-वाचना- शताब्दी वर्ष निमित्त 'आगम-वृत्ति - मुद्रण- प्रोजेक्ट'
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