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________________ आगम (१५) प्रत सूत्रांक [११८ -१२१] दीप अनुक्रम [३२२ -३२५] [भाग-१८] “प्रज्ञापना” – उपांगसूत्र - ४ ( मूलं + वृत्तिः) पदं [५], ------- उद्देशक: [ - ], - दारं [-], ------- मूलं [११८-१२१] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र [१५],उपांगसूत्र-[४] "प्रज्ञापना" मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीता वृत्तिः Education Internationa सेसवन्नगंधरसफासपज्जवेहिं छट्टाणवडिए, फासाणं सीयउसिणनिद्धलुक्खेहिं छाणवडिए से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चर - परमाणुपोग्गलाणं अनंता पखवा पन्नत्ता । दुपएसियाणं पुच्छा गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता १, से केणद्वेणं भंते! एवं वृचइ ?, गोयमा ! दुपएसिए दुपएसियस्स दबट्टयाए तुझे परसट्टयाए तुल्ले ओगाहणहयाए सिय हीणे सिय तुले सिय अन्भहिए जह हीणे परसहीणे अह अम्भहिए पएसमम्भहिए ठिईए चउट्ठाणवडिए बनाईहिं उवरिलेहिं चउफासेहि य छट्टाणवडिए, एवं तिपएसेवि, नवरं ओगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय तुले सिय अम्भहिए जइ हीणे परसहीणे वा दुपसही वा अह अब्भहिए पएसमम्भहिए वा दुपएसमन्भहिए वा, एवं जाब दसपएसिए, नवरं ओगाहणाए पएसपरिबुड्डी कावा जाव दसपएसिए, गवरं नवपएसहीणत्ति, संखेअपएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! अणंता पजवा पचता, से केणद्वेणं ते! एवं बुच्च-गोयमा । संखेज्जपएसिए संखेज्जपएसियस्स दबट्टयाए तुझे पएसइयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अन्भहिए, जर ही संखेज्जभागहीणे वा संखिजगुणहीणे या अह अब्भहिए एवं चैव ओगाहणट्टयाएवि दुाणवडिए ठिईए चट्टागवडिए वण्णा इउवरिल्लचउफासपज्जवेहि य छट्टाणवडिए, असंखिजपएसियाणं पुच्छा, गोगमा ! अनंता पवा पत्ता, से केणद्वेगं भंते ! एवं बुबइ-गोयमा ! असंखिज्जपएसिए खंधे असंखिज्जपएसियस्स खंधस्स दवहयाए तुले पएसइयाए चउट्टाणवडिए ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए चउडाणवडिए वण्णाइडवरच उफासेहि य छाणवडिए, अनंतपएसियाणं पुच्छा गोयमा ! अनंता पजवा पद्मत्ता, से केणद्वेणं भंते ! एवं बुच्ची, गोयमा ! अनंतएसिए खंधे अनंत एसियस्स खंधस्स दबट्टयाए तुल्ले पएसट्टयाए छट्टाणवडिए ओगाहणट्टयाए चउट्टाणवडिए ठिईए For Parts Only ~ 405~
SR No.035018
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 18 Pragyapana Mool evam Vrutti Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages426
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size93 MB
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