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आगम
(१५)
[भाग-१८] “प्रज्ञापना” – उपांगसूत्र-४ (मूलं+वृत्ति:)
पदं [३], --------------- उद्देशक: [-], -------------- दारं [२७], -------------- मूलं [९३] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र-[१५]उपांगसूत्र-[४] "प्रज्ञापना" मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीता वृत्ति:
प्रत
प्रज्ञापनायाः मलयवृत्ती
३ अल्पबहुत्वपदे महादण्डकासू.९३
सूत्राक
[९३]
॥१६॥
दीप
Recenese
जोइसिया देवा संखिजगुणा ४० जोइसिणीओ देवीओ संखिजगुणाओ ४१ खयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिआ नपुंसगा संखिजगुणा ४२ थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिआ नपुंसगा संखिजगुणा ४३ जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिआ नपुंसगा संखिजगुणा ४४ चउरिंदिया पजत्तया संखिजगुणा ४५ पंचिंदिया पजत्तया विसेसाहिया ४६ बेइंदिया पञ्जत्तया विसेसाहिया ४७ तेइंदिया पञ्जत्तया विसेसाहिया ४८ पंचिंदिया अपजत्तया असंखेजगुणा ४९ चउरिंदिया अपञ्जचया विसेसाहिया ५० तेइंदिया अपजत्तया विसेसाहिया ५१ बेइंदिया अपञ्जत्तया विसेसाहिया ५२ पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया पजत्तया असंखिजगुणा ५३ वायरनिगोया पन्जत्तया असंखिजगुणा ५४ वायरपुढवीकाइया पजत्तगा असंखिजगुणा ५५ बायरआउकाइया पञ्जत्तया असंखिजगुणा ५६ वायरवाउकाइया पजचगा असंखिजगुणा ५७ वायरतेउकाइया अपजत्तगा असंखिजगुणा ५८ पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया अपजत्तगा असंखिजगुणा ५९ वायरनिगोया अपजत्तया असंखिजगुणा ६० वायरपुढवीकाइया अपजचया असंखिजगुणा ६१ वायरआउकाइया अपजत्तया असंखिजगुणा ६२ वायरवाउकाइया अपजत्तया असंखिजगुणा ६३ सुहुमतेउकाइया अपज्जत्तया असंखिजगुणा ६४ सुहुमपुढवीकाइया अपञ्जत्तया विसेसाहिया ६५ सुहुमाउकाइया अपजत्तया विसेसाहिआ ६६ सुहुमवाउकाइया अपजत्तया विसेसाहिआ ६७ सुहुमतेउकाइया पजत्तया संखिजगुणा ६८ मुहुमपुढवीकाइया पज्जत्तया विसेसाहिआ ६९ मुहुमआउकाइया पज्जत्तया विसेसाहिआ ७० सुहुमवाउकाइया पजत्तया बिसेसाहिआ ७१ सुहुमनिगोया अपज्जत्तया असंखिजगुणा ७२ सुहुमनिगोया पज्जत्तया संखिज्जगुणा ७३ अभवसिद्धिआ अणंतगुणा ७४ परिवडियसम्मद्दिहि अणतगुणा ७५ सिद्धा अणंतगुणा ७६
अनुक्रम [२९७]
॥१६२
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