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[भाग-१७] श्री जीवाजीवाभिगम ( उपांगसूत्रम्-३/२)
नमो नमो निम्मलदंसणस्स
पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः
“जीवाजीवाभिगम” मूलं एवं वृत्तिः (भाग - २)
[मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीता वृत्तिः]
[आद्य संपादकश्री]
पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह )
पुनः संकलनकर्ता → मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.श्रुतमहर्षि)
'सवृत्तिक- आगम-सुत्ताणि' श्रेणि भाग-१७
28/07/2017, शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५
श्री आगमोद्धारक-वाचना- शताब्दी वर्ष निमित्त 'आगम
म-वृत्ति-मुद्रण-प्रोजेक्ट'
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