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[भाग-११] श्री भगवती-अंगसूत्रम्- भाग-४
नमो नमो निम्मलदसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः
"भगवती" मूलं एवं वृत्ति: (अपरनाम- "व्याख्याप्रज्ञप्ति") शतक- २१ से ४१
मूलं एवं अभयदेवसूरि रचित वृत्तिः ] [भाद्य संपादक: - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. 1
(किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (M.com., M.Ed., Ph.D., श्रुतमहर्षि)
28/07/2017, शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५
'सवृत्तिक-आगम-सुत्ताणि' श्रेणि भाग-११
श्री आगमोद्धारक-वाचना-शताब्दी-वर्ष-निमित्त :
प्रोजेक्ट
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