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________________ आगम (०५) [भाग-१०] "भगवती"-अंगसूत्र-५ (मूलं+वृत्ति:) शतक [२०], वर्ग [-], अंतर-शतक [-], उद्देशक [५], मूलं [६६८] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र- [०५] अंगसूत्र- [०५] "भगवती" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्ति: प्रत सूत्रांक [६६८] गंधे १ सिप दुरिभगंधे २ जाइ दुगंधे सिय सुन्भिगंधे य दुन्भिगंधे यभंगा३ । रसा जहा वना। जह दुफासे & सिय सीए य निद्धे य एवं जहेव दुपएसियरस तहेव चत्तारि भंगा ४, जइ तिफासे सबे सीए देसे निद्धे । | देसे लुक्खे १ सवे सीए देसे निद्धे देसा लुक्खा २ सन्चे सीए देसा निद्धा से लुक्खे ३ सबै उसिणे वेसे निडे | दिवेसे लुक्खे ३ एस्थवि भंगा तिन्नि, सबे निद्ध देसे सीए देसे उसिणे भंगा तिन्नि ९, सबै लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे भंगा तिनि एवं १२, जा चउफासे देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे १देसे सीए| | देसे उसिणे देसे निद्धे देसा लुक्खा २ देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा देसे लुक्खे ३ देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे ४ देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्खा ५ देसे सीए देसा उसिणा| देसा निद्धा देसे लुक्खे ६ देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे ७ देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसा लुक्खा ८ देसा सीया देसे उसिणे देसा निद्धा देसे लुक्खे ९ एवं एए तिपएसिए फासेसु पण-18 | वीसं भंगा । चउप्पएसिए णं भंते ! खंधे कतिबन्ने जहा अट्ठारसमसए जाच सिय चाफासे पन्नते जइ एग-| बने सिय कालए य जाव सुकिल्लए ५ जइ दवन्ने सिय कालए य नीलगे य १ सिय कालगे य नीलगा य २ सिय कालगा य नीलगे य३ सिय कालगा य नीलगाय ४ सिय कालए, य लोहियए य एत्यधि चत्तारि मंगा ४ सिय कालए य हालिद्दए य ४ सियकालए य सुक्किले य ४ सिय नीलए य लोहियए य ४ सिय नी|लए य हालिदए य ४ सिय नीलए य सुफिल्लए य ४ सिय लोहियए य हालिद्दए य ४ सिप लोहियए य मुकि-|| NAGACAST दीप अनुक्रम [७८६] RELIGunintentATHREE परमाणु-पुद्गलस्य वक्तव्यता ~466
SR No.035010
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 10 Bhagavati Mool evam Vrutti Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages514
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size111 MB
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