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आगम (०५)
[भाग-१०] "भगवती"-अंगसूत्र-५ (मूलं+वृत्ति:)
शतक [१२], वर्ग [-], अंतर्-शतक [-], उद्देशक [४], मूलं [४४५] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र- [०५] अंगसूत्र- [०५] "भगवती" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्ति:
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प्रत सूत्रांक [४४५]
दीप अनुक्रम [५३८]
एवं जाप अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दसपएसिए खंधे एगयो संखेजपएसिए खंधे भवति अहवा|| एगयओ परमाणु एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए० एगपओ दो। संखेजपएसिया खंधा भवंति, एवं जाव अहवा एगयओ दसपएसिए० एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा
भवंति अहवा तिन्नि संखेजपएसिया खंधा भवंति, चउहा कञ्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणु० एगयओ संखे४ जपएसिए भवति अहया एगयओ दो परमाणु० एगयओ दुपएसिए.एगयओ संखेजपएसिए भवति अहवाल
एगयओ दो परमाणु० एगयओ तिप्पएसिए० एगयओ संखेजपएसिए भवति एवं जाव अहवा एगयओ दो परमाणु० एगयओ दसपएसिए एगपओ संखेजपएसिए भवति अहवा एगयओ दो परमाणु० एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणु एगयओ दुपएसिए एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति जाव अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दसपएसिए एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति अहया एगयओ परमाणु० एगयओ तिन्नि संखेजपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओवासिए एगयओ तिन्नि |
संखेजपएसिया भवंति जाव अहवा एगयओ दसपएसिए एगयओ तिन्नि संखेजपएसिया भवंति अहवा| है। चत्तारि संखेजपएसिया भवति एवं एएणं कमेणं पंचगसंजोगोवि माणियबो जाव नवगसंजोगो, दसहा कज्ज-13
माणे एगयओ नव परमाणु एगयओ संखेजपएसिए भवति अहवा एगयओ अट्ठ परमाणु० एगयओ दुपएसिए एगयो संखेजपएसिए खंधे भवति, एएणं कमेणं एकेको पू० जाव अहवा एगयओ दसपएसिए एमयओ
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