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आगम
(०३)
प्रत
सूचांक [१२]
दीप
अनुक्रम [६]
[भाग-5] "स्थान" अंगसूत्र- ३ ( मूलं + वृत्तिः)
स्थान [२], उद्देशक [3]. मूलं [१२] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित ... आगमसूत्र - [०३], अंग सूत्र - [०३ ]
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उत्तरकुरुमहद्दुमवासी देवा दो चुल्लहिमवंता दो महाहिमवंता दो निसहा दो नीलवंता दो रुप्पी दो सिहरी दो सहावाती दो सहावातवासी साती देवा दो चिवडावाती दो वियडावातिवासी पभासा देवा दो गंधावाती दो गंधावातिवासी अरुणा देवा दो मालवं परियागा दो मालवंतपरियागावासी पडमा देवा दो मालवंता दो चित्तकूड़ा दो पम्हकूड़ा दो नलिणकूडा दो एगसेला दो तिकूडा दो वेसमणकूडा दो अंजणा दो मातंजणा दो सोमणसा दो विक्षुप्पभा दो अंकावती दो पहाती दो आसीदिसा दो सुहावहा दो चंदपब्बता दो सूरपव्वता दो णागपव्वता दो देवपव्वया दो गंधमायणा दो उगारण्या, दो हिमवंतकूडा दो वेसमणकूडा दो महाहिमवंतकूडा दो वेरुलियकूडा दो निसहकूडा दो रुयगकूडा दो नीलवंतकूडा दो उवदंसणकूडा दो रुप्पिकूडा वो मणिकंचणकूडा दो सिहरिकूडा दो तिगिच्छिकूडा दो पमदहा दो पउमद्दहवासिणीओ सिरीदेवीओ दो महापउमदहा दो महापउमदवासिणीओ हिरीतो देवीओ एवं जाब दो पुंडरीयदहा दो पोंडरीयद्दहवासिणीओ लच्छीदेवीओ, दो गंगापवायदा जाब दो रत्तवतिपवातद्दहा दो रोहियाओ जाब दो रुपकुलातो दो गाइवसीओ दो दहवतीओ दो पंकवतीओ दो तत्तजलाओ दो मतजलाओ दो उम्मत्तजलाओ दो खीरोयाओ दो सीहसोताओ दो अंतोवाहिणीओ दो उम्मिमाहिणीओ दो फेणमालिणीओ दो गंभीरमालिणीओ दो कच्छा दो सुकच्छा दो महाकच्छा दो कच्छगावती दो आवत्ता दो मंगलावत्ता दो पुक्खला दो पुक्खलावई दो बच्छा दो सुबच्छा दो महावच्छा दो बच्छगावती दो रम्मा दो रम्भगा दो रमणिज्जा दो मंगलावती दो पन्हा दो सुपम्हा दो मद्दपन्हा दो पम्छगावती दो संखा दो गरिणा दो कुमुया दो स (ण) लिला (णा) वती दो बप्पा दो सुबप्पा दो महावप्पा दो वप्पगावती दो वम्मू दो
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"स्थान" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्तिः