________________
कलपृष्ठ
६१४
३७६
४२६
३४४
३१२
३३०
४६६
४४२
सवृत्तिक-आगम-सत्ताणि भाग १ से ४० में कहां क्या मिलेगा? भाग
इस भागमे समाविष्ट आगम के नाम और आगम-क्रम 22 | आगम १७ चन्द्रप्रज्ञप्ति मूलं एवं वृत्ति. 23 | आगम१८ जंबूद्विपप्रज्ञप्ति भाग-१ मूलं एवं वृत्ति. वक्षस्कार- १ एवं २. 24 | आगम१८ जंबूदविपप्रज्ञप्ति भाग-२ मुलं एवं वृत्ति. वक्षस्कार- ३ एवं ४.
| आगम१८ जंबूद्विपप्रज्ञप्ति भाग-३ मूलं एवं वृत्ति. वक्षस्कार-५ से ७. 26 | आगम १९-३२ निरयावलिका, कल्पवतंसिका, पुष्पिका, पुष्पचूलिका, वृष्णिदशा, चतुःशरण, आतुरपरत्याख्यान, महाप्रत्याख्यान,
____ भक्तपरिज्ञा, तंदलवैचारिक, संस्तारक, गच्छाचार, गणिविदया, देवेन्द्रस्तव मलं एवं छाया 27 | आगम ३३ थी ३९ मरणसमाधि मुलं एवं छाया, निशीथ, बृहत्कल्प, व्यवहार, दशाश्रतस्कंध, जीतकल्प/पंचकल्प, महानिशीथ मुलं एव 28 | | आगम ४० आवश्यक मूलं एवं वृत्ति, भाग-१, नियुक्ति- १ से ५२१ 29 | | आगम ४० आवश्यक मूलं एवं वृत्ति, भाग-२, निर्यक्ति- ५२२ से ९५१ 30 | | आगम ४० आवश्यक मूलं एवं वृत्ति, भाग-३ नियुक्ति- ९५२ से १२७३ अपूर्ण, [अध्ययन- १ से ४ अपूर्ण) 31 | आगम ४० आवश्यक मूलं एवं वृत्ति, भाग-४ नियुक्ति- १२७३ अपूर्ण से १६२३, [अध्ययन-४ अपूर्ण से ६ संपूर्ण) 32 | | आगम ४१/१ ओघनियुक्ति मूलं एवं वृत्ति..
| आगम ४१/२ पिंडनियुक्ति मूलं एवं वृत्ति. 34 | | आगम ४२ दशवैकालिक मूलं एवं वृत्ति. 35 | | आगम ४३ उत्तराध्यन मूलं एवं वृत्ति, भाग-१, अध्ययन-१ से ५ 36 | आगम ४३ उत्तराध्यन मूलं एवं वृत्ति, भाग-२, अध्ययन- ६ से २१ 37 | आगम ४३ उत्तराध्यन मूलं एवं वृत्ति, भाग-३, अध्ययन- २२ से ३६ 38 आगम ४४ नन्दिसूत्र मूलं एवं वृत्ति.
| आगम ४५ अनुयोगद्वार मूलं एवं वृत्ति. 40 | कल्प[बारसासूत्र... चतुःशरण, तन्दुलवैचारिक, गच्छाचार मूलं एवं वृत्ति.
४६४
।
४२६
४७२
३७६
५९०
५२२
४८२
४६६
५२८
39 |
५६०
३९४
~582