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(४७) अब तुम्हीं कहो इस जग में कौन तुम्हारा । जीवन में वोही सहारा ॥ अब सुनो० ॥ १ ॥
उपकारी प्रभू की पूजा करो ।
महावीर प्रभू का ध्यान धरो ॥ प्रभू नाम सदा सुख धाम जगत में प्यारा ॥ जीवन में वो ही सहारा ॥अब सुनो० ॥२॥
शासन स्वामी शिवधामी हैं ।
अविनाशी अन्तर्यामी हैं । चरण कमल में शरण ग्रहो विजय सुखकारा। जीवन में वो ही सहारा ॥ अब सुनो० ॥३॥
तर्ज-अँखिया मिला के
दिल को मिला के, जिन को ध्या के पल पल गाना ।
___हो ऽ हो पल पल गाना ॥ गायोगे..होगे न दुखी अय जीना होय सुखी । हो जिनजी की खूबियाँ मैं गाऊ कर्म हिलाऊं ॥
दिल को मिला के० ॥१॥ प्राहा क्या भक्ति पाया जिनजी का गुण है गाया । हो नयन भरे हैं जोई जोई जो सुख बहाना ॥
दिल को मिला के० ॥२॥
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