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________________ ( ३८ ) जलियान वाला शहीदों नी रूह आजे पुकार करे I आजाद धयो है देश आजे आगे कदम बढाओ ॥ गाओ - ॥ २ ॥ नेताजी ना उद्गारो नी अमर याद बनाओ 1 सरदार जवाहर गांधीजी नो सिद्धान्तो अपनायो ॥ गाश्रो० ॥ भारत मेरी जन्मभूमि है भारत मेरी जन्मभूमि है सब तीर्थों का सार || मात पिता के विमल प्रेम से आँगन है उजियारउजियार सब तीर्थो का सार ॥ भारत मेरी ॥ १ ॥ खेलत वायु हर्षित भाती नदियां कलकल गाती जातीं । हरियाली को राग सुहावे बादल का है राग ॥ सब तीर्थो का सार ॥ भारत मेरी जन्म० ॥ २ ॥ पाप पुण्य का ज्ञान यहां है सब जाति का राज यहां है । घर घर में है प्यार सब तीर्थों का सार || भारत ॥ भारत मेरी जन्मभूमि है सब तीर्थों का सार ॥ ३ ॥ इतिहास गा रहा है इतिहास गारहा है दिन रात गुण हमारा । दुनिया के लोगों सुनलो यह देश है हमारा ॥ मही पर हुए हैं पैदा इसका पिया है पानी ! यह मात है हमारी यह है पिता हमारा ॥ गुजरे समय से पूछो रघुवंश की कहानी । रघुकुल की राजधानी है राम राज्य प्यारा ॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com 1
SR No.034946
Book TitleMahatma Jati ka Sankshipta Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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