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( २६ )
राष्ट्रीय गायन
प्राण मित्रों भले हीं गँवाना ही गँवाना ।
नीचे झुकाना ॥
तीन रंगा है झण्डा हमारा । बीच चरखा चमकता सितारा ॥ शान है यह इज्जत हमारी । सिर झुकाती इसे हिन्द सारी ॥
प्राण मित्रों भले
पर न झगडा ये
इस पर सब कुछ खुशी से चढाना |
पर न झगडा
यह नीचे झुकाना ॥
ये है आजाद पन की निशानी । इसके पीछे है लाखों कहानी ॥ जिन्दा दिल ही है इसको उठाते । मर्द हैं इस पे सर तक चढाते ॥ तुम भी सारी मुसीबत पर न झगडा ये नीचे झुकाना |
उठाना ।
रे क्या भूले हो नलियान वाला । या वो डायर का इतिहास काला ॥. गोलियों की लगी जब झडी थी ।
नींव प्राजादी की तब पडी थी ॥
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