________________
मइ ]
मइ-मति V, 17, 7. मउड-मुकुट VI, 8, 5 ( Hem. 1, 107 ). मउडग्ग-मुकुटा VIII, 18, 13. मउलिय - मुकुलित III, 4, 13 ( Hem. I, 107 ) मक्कड - मर्कट IX, 13, 6. मग्ग-मार्गय् °मि VII, 14, 6; `ग्गि VII, 13, 10; °एवि X, 20, 6.
मग्ग - मार्ग I, 15, 3.
मग्गण - मार्गणा ( tech. term of Jain philosophy ) IX, 167. मच्चलोअ - मर्त्यलोक IX, 4, 7. मच्छ - मत्स्य VII, 9, 2. मच्छर-मत्सर III, 17, 1. मज्ज - मद्य X, 8, 3. मजार - मार्जार III, 2, 7. मजिय - मार्जित III, 19, 3. मज्झ - मध्य II, 20, 8. मज्झण्ण-मध्यान्ह IX, 20, 14. मढ - म3 X, 18, 9. मण-मनस् I, I, 5. मणमार - मन्मथ II, I.
वे - मनोवेग, पु. VI, II, 4. मणहर - मनोहर J, 16, 5. मणिअ-मानित V, 13, 2.. मणुव - मनुज VI, 4, 2. मणोज - मनोज्ञ III, 6, 4. मणोरह - मनोरथ II, 14, 12. मणोहिराम - मनोभिराम II, 16, 3. मण्णणिज - माननीय VI, 6, 3, मण्णणीअ - माननीय VIII, 4, 2. मणिअ-मानित II, 8, 11
arisarta
मत्थअ - मस्तक II, 1, 8. मद्दअ - मार्दव IX, 1, 6. मद्दल-मर्दल (वाद्यविशेष ) II, 20, 2. मयगल - मदगल (गज ) II, 19, 9. मच्छि - मृगाक्षी VIII, 14, 6. मयण - मदन I, 10, 1.
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
मयणयण - मृग + नयन III, 2, 10. मयणावलि - मदनी स्त्री III, 5, 10 मयरके उ-मकरकेतु VII, 7, 1. मयरहर - मकरगृह (समुद्र) I, 16, 6. मयारि - मदारि V, 6, 6. मयोवर मृत+उदर I, 17, 6.
मर- मृइ VI, 7, 8; 'उं 1, 10, 10; 'मि VI, 8, 10;'हुं V, 9, 5. `रिवि V, 10, 8; रेहु I, 13, 3
मलय - मुदित VIII, 18, 12 ( Hem. IV, 126).
मसाज - श्मशान I, 17, 10. महग्य - महार्घ I, 16, 13, महण - मथन V, 13, 10. महणील - महानील पु. V, 2, 3. महण्णव - महार्णव IX, 17, 4. महरिसि - महर्षि X, 25, 10
महल - महत्+ल ( स्वार्थे ) III, 2, 9 ( D. IV, 143 ).
महव्वय - महाव्रत IX, 15, 9.
महुसूयण - मधुसूदन पु. VI, 4, 9. महंत - महत् II, 15, 8. महायण-महाजन X, 9, 6
[ मंगल एव
महारअ-मम III, 19, 9 ( H. हमारा by वर्ण व्यत्यय )
महिअ - महित ( पूजित ) V, 10, 1. महियल - महीतल I, 3, 12
महिल - महिला 1, 3, 5. महिसि - महिपी X, 2, I. महिहर - महीधर II, 1, 4. महु - मधु IX 4, 8. महुयर - मधुकर X, 29, 10. महुर - मधुर I 2, 2
महुराउर - मथुरापुरी VI, 4, 8. महेस - महेश II, 2,7. महोवहि - महोदधि I, I, 4. मंगलएव - "देव, पु. I, 2, 1.
२२२
―
www.umaragyanbhandar.com