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________________ 7. 8. 11.] करकंडचरिउ घत्ताः-सा आवइ णरवइ तुझु घरि जइ तुम्हई लेणहं जाहु तहो । तं सुणिवि णराहिउ णीसरिउ गउ सम्मुहुँ सो चंपाहिवहो ॥ ६॥ 7 Karakanda marries the Simhala princess. सो दिट्ठउ राएं अइसुतेउ णं विग्गहवंतउ मयरकेउ। अणुराएं ता गुणसायरेण णिउ णयरे णराहिउ आयरेण । पइसंतउ सो पुरि जणहिं दिट्ट गोपालसहिउ णं देउ विट्ट । जुईजणमणसंताउ दिंतु करकंडु णराहिउ गेहु पत्तु । रहवेयहें णामें णियसुआहे दक्खालिउ सो सुललियभुआहे। सो बालएं अवलोइउ जुवाणु णं हियएं पइट्ठर कुसुमबाणु । विहलंघल काइं वि णउ मुणेइ सो पेक्खइ कि पि ण ण वि सुणह । ण वि जणणहो लजा ताहे जाय कंपतिहे पुलएं खलिय वाय। पेक्लेविणु धूयहे सेयवाहु पारंभिउ राएं खणे विवाहु । घत्ता- केउ मंडड मोत्तियतारणहिं गुरुचउरिय हेमें णिम्मविय । अइउच्चिय मणहर वेइ किय रयणविणिम्मिय णिम्मलिय ॥ ७॥ 8 5 10 5 Karakanda returns with the bride by the sea, ववाहु कियउ लहु ताहु के वि खेयर अहिलासहो जाहिं जे वि। दाइजई दिण्णा तहे पयंड णिज्झरझरंतमयगिलगंड। वरतुरयथट्ट किंकिणिरवाल रयणेहिं विणिम्मिय दिण्ण माल । जं अवरु किं पि गयणाहिरामु तहे राएं दिण्णउ'लेवि णामु । एएहिं समउ मणि तुट्ठएण जामायहो अप्पिय दुहिय तेण । बहुरयणई दिण्णइं तुरियएण पहिराविय राणा राणएण। णरणाहे विसजिउ णिवपहाणु संजोइउ राएं सलिलजाणु । दुट्ठारिणरिंदहो पलयकालु तहे जाणे चडिण्णउ धरणिवालु । धयवडवमालु परिघुलिउ भाइ तं पवणवसे जलमझे जाइ । घत्ता- अवराई सहासई छण्णवई णरणियरणिरंतरपूरियई। णं अमरविमाणइं धर सरहिं जलगमणहो आसाऊरियई ॥ ८॥ N किउ. 8. १ J लइवि. २ S छणवई. 10 7. --- ६५ - Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034918
Book TitleKarkanda Chariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKankamar Muni
PublisherKaranja Jain Publication
Publication Year1934
Total Pages364
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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