SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 61
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जयपुर की चैत्य परिपाटी। मन्दिर का नाम मूलनायकजी का नाम पता तपों का मन्दिर श्री सुमतिनाथजी घोवालों का रास्ता पंचायती मन्दिर श्री सुपार्श्वनाथजी श्रीमालों का मंदिर श्री पार्श्वनाथजी नया मन्दिर भी ऋषभदेवजी मारूजी का चौक विजय गच्छ का मं. मी करियानाथजी कुंदीगरों के मैरूं के पास मोहनबासी श्री केसरियानाथजी मुरजपोल दरवाजाके बाहर घाट का मंदिर श्री पद्मप्रभुनी घाट की गुणो के नीचे दादावादी श्री पाश्वनाथजो सड़क मोती डूंगरी स्टेशन मंदिर श्री ऋषभदेवजो हजूर सहाब की कोठी के सामने स्टेशन के पास लीलाधरजीका उपासरा, ति श्यामलालजीका उपासरा, चौरासी गच्छ की धर्मशाला, पायचन्द्रगच्छका उपासरा, प्रतापचन्दजी ढह का मकान, आदि में भी चैताला है। जयपुर के चारों ओर गांवों में मन्दिर आमेर श्रीचन्दाप्रभुनी मौत । चौ मी मील १८॥ सांगानेर महावीर स्वामो (तपगच्छ) । खोगांव सपार्श्वनाथजी मील ६॥ श्रीचन्दाप्रभुजी (पंचायती) मील ८ (दलाई शान्तिनाथजी मोल १॥ बरखेडा ओ आदिनाथजी मील १७) चाकसू शान्तिनाषजी मील २४॥ मालपुरा श्रीमुनिसुव्रत स्वामीजी ( तपगच्छ)] मील ५० " मीमादिनाथजी (वियज गच्छ)। मुद्रिवः-जयपुर इलेक्ट्रिक प्रिटिंग वास, बौड़ा राणा, जयपुर Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034847
Book TitleJagadguru Shree Hirvijaysuriji ka Puja Stavanadi Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Kochar
PublisherCharitra Smarak Granthmala
Publication Year1940
Total Pages62
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy